Arthritis: बच्चे हों या बड़े, पर्स हो या स्कूल बैग ज्यादातर लोग इसे एक ही कंधे पर टांगते हैं। यही आदत आगे चलकर आर्थराइटिस (गठिया) जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।फैशन और सुविधा के नाम पर की जाने वाली यह छोटी सी गलती आपके जोड़ों की सेहत पर भारी पड़ सकती है।(One shoulder bag health risks)
Arthritis Health News: आजकल लाइफस्टाइल में जहां फैशन में बदलाव आए हैं, वहीं जीने के तरीके में भी कई छोटे-छोटे बदलाव हुए हैं। ये बदलाव देखने में भले ही सामान्य लगते हों, लेकिन धीरे-धीरे हमारे शरीर के लिए बड़ी परेशानी बन सकते हैं। ऐसी ही एक आम आदत है एक कंधे पर बैग लटकाना। देखने में यह कितना मामूली लगता है, लेकिन बच्चे हों या बड़े, पर्स हो या स्कूल बैग ज्यादातर लोग इसे एक ही कंधे पर टांगते हैं। यही आदत आगे चलकर आर्थराइटिस (गठिया) जैसी समस्याओं का कारण बन सकती है।फैशन और सुविधा के नाम पर की जाने वाली यह छोटी सी गलती आपके जोड़ों की सेहत पर भारी पड़ सकती है। तो आइए जानते हैं कि कैसे ये छोटी-छोटी आदतें आपके लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती हैं।
हड्डियों और जोड़ों के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, हमारा शरीर इस तरह डिजाइन हुआ है कि वजन दोनों ओर बराबर बंटे। जब हम एक ही कंधे पर रोज़ाना बैग लटकाते हैं, तो शरीर का बैलेंस बिगड़ने लगता है। इससे एक तरफ की मांसपेशियां लगातार खिंचती हैं और दूसरी तरफ की सुस्त पड़ जाती हैं।
धीरे-धीरे यह असंतुलन कंधे के प्रमुख जोड़ एक्रोमिओक्लेविकुलर और ग्लेनोह्यूमरल पर दबाव डालता है। लंबे समय तक दबाव पड़ने से इन जोड़ों की कार्टिलेज को नुकसान पहुंचता है, जो बाद में माइक्रोट्रॉमा और फिर कंधे की गठिया का रूप ले सकता है।
यह असर सिर्फ कंधों तक सीमित नहीं रहता। एक तरफ भारी बैग लटकाने पर शरीर अपने आप को बैलेंस करने के लिए दूसरी तरफ झुकने लगता है, जिससे रीढ़ की हड्डी टेढ़ी हो सकती है। इसके नतीजे में गर्दन की मांसपेशियों में अकड़न, सिरदर्द, और खराब पोस्चर जैसी परेशानियां सामने आती हैं।
जिन लोगों को पहले से कंधे में चोट लगी हो, मांसपेशियां कमजोर हों या पोस्चर सही न हो, उनके लिए यह आदत और भी ज्यादा हानिकारक साबित हो सकती है।
ऐसा बैग इस्तेमाल करें जो दोनों कंधों पर समान वजन डाले जैसे बैकपैक, जिसमें गद्देदार स्ट्रैप्स हों।
बैग का वजन आपके शरीर के कुल वजन का 10 से 15 प्रतिशत से ज्यादा होना चाहिए।
अगर एक पट्टे वाला बैग ही इस्तेमाल करते हैं तो कोशिश करें कि समय-समय पर कंधा बदलते रहें, ताकि किसी एक ओर दबाव न पड़े।
कंधे, पीठ और गर्दन की नियमित एक्सरसाइज करें ताकि मांसपेशियां ताकतवर रहें और चोट से बचाव हो।
चलते समय खुद को आईने में देखें, कमर सीधी रखें और कंधों को पीछे रखें। एक अच्छा पोस्चर न सिर्फ गठिया से बचाएगा, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाएगा।