लखनऊ

Cricketer Rinku Singh: ‘पांच छक्कों’ वाले हीरो को मिलेगा अफसर का पद? खेल विभाग आगे, मंत्री पीछे

Cricketer Rinku Singh Join UP Government as Officer: भारतीय क्रिकेटर रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार में अफसर बनाए जाने की तैयारी है। खेल निदेशालय ने इस संबंध में फाइल शासन को भेज दी है, लेकिन खेल मंत्री गिरीश यादव ने अनभिज्ञता जाहिर की है। अब यह मुद्दा राजनीतिक और प्रशासनिक बहस का विषय बन गया है।

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Jun 26, 2025
Rinku Singh Latest Update फोटो सोर्स : Social Media

Cricketer Rinku Singh Sports Quota Job: भारतीय क्रिकेट टीम के उभरते सितारे रिंकू सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी सौंप सकती है। खेल निदेशालय ने रिंकू सिंह को राज्य सरकार की सेवा में शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर के शासन को भेज दिया है, जिसके तहत उन्हें उत्तर प्रदेश में एक राजपत्रित अधिकारी का पद दिया जा सकता है। हालांकि, इस प्रस्ताव पर खुद प्रदेश के खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने अनभिज्ञता जाहिर की है, जिससे पूरे मामले में एक नया मोड़ आ गया है।

रिंकू सिंह का शानदार करियर

रिंकू सिंह, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के निवासी हैं। घरेलू क्रिकेट से लेकर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक का उनका सफर संघर्षों से भरा रहा है। वे अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं और हाल ही में टी20 इंटरनेशनल मैचों में भारत के लिए कई महत्वपूर्ण पारियां खेल चुके हैं। उनका नाम पहली बार चर्चा में तब आया जब उन्होंने IPL 2023 में कोलकाता नाइट राइडर्स की ओर से खेलते हुए एक ही ओवर में लगातार पांच छक्के जड़कर अपनी टीम को चमत्कारिक जीत दिलाई थी। इसके बाद से वे भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के चहेते बन गए और राष्ट्रीय टीम में उनकी एंट्री भी पक्की हो गई।

यूपी में "अफसर" बनने की ओर बढ़ते कदम

खेल निदेशालय ने रिंकू सिंह की प्रतिभा और उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में एक राजपत्रित अधिकारी पद पर नियुक्त करने का प्रस्ताव तैयार किया है। सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा जा चुका है और अब अंतिम निर्णय शासन स्तर पर लिया जाना बाकी है।

खेल निदेशक आर.पी. सिंह ने बताया कि रिंकू सिंह को "राज्य सेवा में खेल कोटे" के तहत पद देने की सिफारिश की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की नीति पर काम करती है और रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ी को यह सम्मान देना इस नीति के अंतर्गत आता है।

मंत्री बोले - “हमें तो पता तक नहीं”

इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह रही कि जब खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव से इस विषय पर पूछा गया तो उन्होंने कहा, “हमें तो इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर खेल निदेशालय ने कोई प्रस्ताव भेजा है तो वह मेरे संज्ञान में नहीं है।”
उनके इस बयान ने शासन और प्रशासन के बीच समन्वय की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर अधिकारी सक्रियता दिखा रहे हैं, वहीं मंत्री खुद इस प्रक्रिया से अनजान हैं।

विपक्ष ने उठाए सवाल

विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता ने कहा, “यह सरकार की कार्यप्रणाली को दर्शाता है कि मंत्री को ही नहीं पता कि उनके ही विभाग में क्या चल रहा है। रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ी को सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन यह प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए।” कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी ट्वीट करते हुए कहा, “एक ओर सरकार खिलाड़ियों को नौकरी देने का दावा करती है और दूसरी ओर उनके मंत्री कहते हैं कि उन्हें खबर ही नहीं। यह दिखाता है कि सब कुछ केवल प्रचार के लिए किया जा रहा है।”

क्या कहती है सरकार की नीति

उत्तर प्रदेश सरकार की खेल नीति के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को राज्य सेवा में नियुक्ति दी जा सकती है। इससे पहले भी कुछ खिलाड़ियों को पुलिस, परिवहन, और खेल विभाग में नियुक्त किया गया है। रिंकू सिंह यदि इस प्रक्रिया के तहत नियुक्त होते हैं, तो वे प्रदेश के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हो जाएंगे जिन्हें खेल कोटे से सरकारी पद मिला है।

रिंकू सिंह की प्रतिक्रिया

रिंकू सिंह ने अब तक इस विषय पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वे इस सम्मान से बेहद खुश हैं और अगर उन्हें यह जिम्मेदारी मिलती है तो वे न केवल खेल में योगदान देते रहेंगे बल्कि राज्य की सेवा भी करेंगे।

खिलाड़ियों को सम्मान देना जरूरी: खेल विशेषज्ञों की राय

खेल विशेषज्ञों का मानना है कि रिंकू सिंह जैसे खिलाड़ियों को समय पर सम्मान देना जरूरी होता है, क्योंकि इससे युवा खिलाड़ियों में प्रेरणा जगती है। उत्तर प्रदेश में क्रिकेट, हॉकी, कुश्ती और एथलेटिक्स जैसे खेलों में कई प्रतिभाएं मौजूद हैं, जिन्हें उचित संसाधन और सम्मान की जरूरत है। पूर्व रणजी खिलाड़ी और कोच नवीन सिंह का कहना है, “रिंकू सिंह ने अपने संघर्ष से यह मुकाम हासिल किया है। उन्हें सरकारी सेवा में पद देना न केवल उनका सम्मान है बल्कि खेलों को बढ़ावा देने का एक माध्यम भी है।”

नियुक्ति प्रक्रिया पर उठ रहे सवाल

हालांकि, इस पूरे मामले में प्रक्रिया को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यदि खेल निदेशालय ने प्रस्ताव भेजा है तो क्या यह मंत्री की अनुमति के बिना किया गया? क्या इससे शासन व्यवस्था में मतभेद की स्थिति उत्पन्न नहीं होती? सरकारी सेवाओं में नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्पष्टता बेहद जरूरी होती है। यदि मंत्री को ही इस विषय में जानकारी नहीं है तो यह सरकार की कार्यप्रणाली पर बड़ा प्रश्नचिह्न है।

अंतिम फैसला अब मुख्यमंत्री कार्यालय के हाथ में

अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्णय पर टिकी हैं। यदि सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है तो यह न केवल रिंकू सिंह के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी, बल्कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने की दिशा में भी अहम कदम माना जाएगा। रिंकू सिंह जैसे संघर्षशील और प्रेरणादायक खिलाड़ी को सरकारी सेवा में जगह देना युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनेगा, बशर्ते यह प्रक्रिया ईमानदारी और पारदर्शिता से पूरी हो।

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