UP Teacher Vacancy 2025: उत्तर प्रदेश में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा स्तर पर 50 हज़ार से अधिक शिक्षक पदों की भर्ती का मार्ग प्रशस्त होने जा रहा है। राज्य का कार्मिक विभाग, उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) को यह अध्याचन प्रारूप भेजने की तैयारी कर रहा है। प्रारूप मिलने के बाद आयोग को पदों के रिक्ति विवरण मिलेंगे और उसकी अगली कार्रवाई से उस पर भर्ती प्रक्रिया तेज़ी से शुरू हो पाएगी।\
शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन लगभग 2 वर्ष पहले ही हो गया था, लेकिन अभी तक बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभागों से रिक्त पदों का अध्याचन न प्राप्त होने के कारण भर्ती रुक गई थी। आयोग ने विभागों से समय-समय पर बरामदगी की, लेकिन पूरी प्रक्रिया की गति धीमी रही। अब, कार्मिक विभाग ने इसी अध्याचन प्रारूप का मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया है ताकि आयोग के पास भर्ती की औपचारिक जानकारी पहुंच सके और विज्ञापन जारी हो सके।
प्रारूप निर्माण : कार्मिक विभाग ने अधयाचन प्रारूप तैयार करने का कार्य शुरू किया है। इस कार्य में प्रत्येक विभाग से रिक्त पदों का विवरण एकत्रित करना शामिल है। प्रारूप में पदों की संख्या, प्रकार, योग्यता, परीक्षा पैटर्न और चयन मानदंड जैसे बिंदु शामिल किए जाएंगे।
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आयोग को भेजना : प्रारूप तैयार होने पर इसे संबंधित विभागों और शिक्षा सेवा चयन आयोग को भेजा जाएगा। अनुमान है कि प्रारूप तैयार होने में लगभग एक माह का समय लगेगा।
प्राप्ति और विज्ञापन: प्रारूप मिलने के दो माह के अंदर आयोग रिक्त पदों पर भर्ती विज्ञापन जारी करेगा। इससे लगभग 50 हजार से अधिक पदों के लिए चयन प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
आयोग द्वारा पूर्व में जारी भर्ती योजना के अनुसार TGT–PGT भर्ती की परीक्षा तिथि स्पष्ट नहीं है,PGT परीक्षा अगस्त के अंत में आयोजित हो सकती है। TGT की संभावित परीक्षा 21–22 जुलाई को प्रस्तावित थी, लेकिन अब टलने की संभावना है। TGT भर्ती परीक्षा अब तक दो बार और PGT परीक्षा तीन बार स्थगित हो चुकी है। परीक्षाओं की अनिश्चितता के कारण हजारों उम्मीदवारों को कम से कम दो माह का और इंतज़ार करना पड़ सकता है।
सूत्रों के अनुसार, यदि अध्याचन समय से प्राप्त होता, तो परिषदीय विद्यालयों में लगभग 30 हजार सहायक अध्यापक (Primary Teachers) की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाती। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में TGT–PGT सहित 20 हजार से अधिक पद, और उच्च शिक्षा में 1,500 – 2,000 कॉलेजवाद्यनामिक शिक्षकों की प्रक्रिया भी शुरू हो गई होती। आयोग के अंदर के सूत्र बताते हैं कि प्रारूप निर्माण में देरी से भर्ती के लिए सभी पदों का विज्ञापन इस वित्तीय वर्ष में नहीं निकल पाएगा।
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कार्मिक विभाग और शिक्षा सेवा आयोग के बीच 10 दौर की बैठकें हो चुकी हैं पर सफल परिणाम नहीं निकले थे। मुख्य कारण था संबंधित विभागों का अध्याचन न भेजना। अब प्रारूप तैयार करने से यह बाधा दूर होती दिख रही है, जिससे आयोग को कार्य शुरू करने की स्वतंत्रता मिलेगी।
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विभागीय अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि "हमने सभी विभागों से रिक्त पदों का डेटा माँगा है और उसे अधयाचन प्रारूप में शामिल कर के आयोग को भेजने की प्रक्रिया तीव्र कर रहे हैं।"
आयोग सदस्य ने कहा कि "यदि प्रारूप समय से मिल जाता तो भर्ती अगस्त–सितंबर तक शुरू हो जाती, लेकिन अब इसमें दो माह और लग सकते हैं।"
चरण | अनुमानित समय |
अध्याचन प्रारूप निर्माण | 1 माह |
संबंधित विभागों को भेजना | 2 सप्ताह |
आयोग द्वारा भर्ती विज्ञापन जारी | प्रारूप प्राप्ति + 2 माह |
कई परीक्षार्थी निराशा जताते हुए कहते हैं कि "इतना लंबा इंतज़ार हो गया, SBI और IBPS की भर्ती भी शुरू हो चुकी हैं, लेकिन हमारी भर्ती टलती ही जा रही है।" शहरों और खेती-कस्बे के अभ्यर्थी मानसिक तनाव में हैं, क्योंकि कई ने बड़े आर्थिक और शैक्षिक निवेश कर रखा है, समयबद्ध प्रक्रिया न होने से उनकी योजना बिगड़ रही है।
शिक्षा नीति विशेषज्ञ डॉ. अर्चना शर्मा कहती हैं कि "अधिग्रहण प्रक्रिया समयबद्ध होनी चाहिए। जब तक भर्ती न निकले, उम्मीदवारों का भविष्य अनिश्चित रहेगा।" PKM सेंटर के पोलिसी विश्लेषक भूषण सिंह कहते हैं कि "प्रारूप में योग्यता, पद संरचना, शारीरिक/शैक्षणिक मापदंड स्पष्ट होने चाहिए ताकि आयोग को बाद में संशोधन न करना पड़े।" यदि संबंधित विभाग प्रारूप समय से नहीं भेजते, तो इसे आयोग द्वारा निर्विरोधी नियुक्तियों सूची के रूप में उपयोग किया जा सकता है, जिससे मीडिया, अभ्यर्थी, और रिट याचिका के दायरे तंग हो सकते हैं,न्यायालय में मामलों की संभवता बढ़ सकती है।
Published on:
23 Jun 2025 07:12 pm