Heatwave Prevention: उत्तर प्रदेश में बढ़ती गर्मी और लू के खतरे को देखते हुए सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। बिजली-पानी की निर्बाध आपूर्ति, अस्पतालों में दवाओं का पर्याप्त भंडारण और सार्वजनिक स्थलों पर जल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। जन जागरूकता अभियान तेज कर लोगों को हीटवेव से बचाव के उपायों की जानकारी दी जा रही है।
Heatwave Awareness: उत्तर प्रदेश में बढ़ती गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं। प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बढ़ते तापमान को ध्यान में रखते हुए आमजन को लू से बचाने के लिए बड़े स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। साथ ही, सार्वजनिक स्थलों पर पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
प्रमुख सचिव ने सभी जिलों में बिजली और पानी की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनावश्यक बिजली कटौती से बचा जाए और विशेष रूप से बुंदेलखंड एवं विंध्य क्षेत्र में पेयजल संकट को दूर करने के लिए टैंकरों की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, इन टैंकरों की मॉनिटरिंग जीपीएस ट्रैकर डिवाइस से करने की व्यवस्था भी की जा रही है, ताकि किसी भी स्थान पर जल संकट न रहे।
राहत आयुक्त एवं सचिव राजस्व भानु चंद्र गोस्वामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि सार्वजनिक स्थलों पर प्याऊ लगाने के अभियान को तेज किया जाए। इसके अलावा, छायादार स्थलों को विकसित करने और दैनिक मजदूरों के कार्य समय में दोपहर 12 से 3 बजे के बीच शिथिलता देने की भी सलाह दी गई है।
अस्पतालों में लू से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त दवाओं का स्टॉक रखने का निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर ओआरएस पैकेट की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही, विद्यालयों का समय बदलकर प्रातःकालीन सत्र में संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बच्चों को दोपहर की चिलचिलाती धूप से बचाया जा सके।
गर्मी के कारण आग लगने की घटनाओं की आशंका को देखते हुए अग्निशमन विभाग को अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है। राहत आयुक्त ने संभावित प्रभावित क्षेत्रों की पहचान करने और वहां पेयजल एवं अन्य आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, सभी जिलों में नल-जल योजना और जल संरक्षण अभियानों को तेज करने का भी आदेश दिया गया है।
गर्मी के कारण मवेशियों और अन्य जानवरों को राहत देने के लिए जलाशयों, तालाबों और कुओं की सफाई करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही, पशुचिकित्सा केंद्रों को भी सतर्क रहने और लू से प्रभावित जानवरों के इलाज के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।
इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के सभी जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के 500 से अधिक अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान राज्य सरकार ने समन्वय बनाकर कार्य करने और हीटवेव से बचाव के लिए प्रभावी रणनीति अपनाने पर जोर दिया।
हीटवेव से बचाव के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम सराहनीय हैं। बिजली-पानी की पर्याप्त आपूर्ति, अस्पतालों में दवाओं का पर्याप्त भंडारण और सार्वजनिक स्थलों पर जल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के प्रयासों से आम जनता को राहत मिलेगी। प्रशासन ने जनता से भी अपील की है कि वे हीटवेव से बचाव के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें और इस गंभीर स्थिति से सुरक्षित रहें।