LDA Illegal plotting Lucknow: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने चिनहट और बीकेटी क्षेत्रों में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए दो अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त किया। बिना स्वीकृत ले-आउट के विकसित की जा रही इन कॉलोनियों में सड़क, नाली और बाउंड्री वॉल जैसी संरचनाएं बनाई गई थीं, जिन्हें एलडीए की प्रवर्तन टीम ने पुलिस बल के सहयोग से हटाया।
LDA Bulldozer Action: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने एक बार फिर अवैध प्लाटिंग के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए चिनहट और बीकेटी क्षेत्रों में दो स्थानों पर कार्रवाई की है। एलडीए की प्रवर्तन जोन-5 की टीम ने पुलिस बल के साथ मिलकर दोनों क्षेत्रों में बिना स्वीकृति के की जा रही प्लाटिंग को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई का उद्देश्य शहर के मास्टर प्लान और भूमि उपयोग नीति का उल्लंघन करने वालों पर नियंत्रण स्थापित करना है।
एलडीए के जोनल अधिकारी माधवेश कुमार के अनुसार, पहली कार्रवाई बीकेटी क्षेत्र के ग्राम अस्ती में की गई, जहां दिलीप कुमार एवं अन्य द्वारा शिव शक्ति मंदिर के पास लगभग 8,000 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध प्लाटिंग की जा रही थी। इस भूमि पर बिना किसी वैध स्वीकृति के सड़कों और बाउंड्री वॉल्स का निर्माण कर कॉलोनी विकसित की जा रही थी।
दूसरी कार्रवाई चिनहट क्षेत्र के गणेशपुर रहमानपुर में हुई, जहां अवध श्रीवास्तव एवं अन्य ने अकबरी बेगम लॉ कॉलेज के सामने करीब 5,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में प्लाटिंग की थी। इस कॉलोनी का लेआउट प्राधिकरण से स्वीकृत नहीं था, और यह पूर्णतः अनधिकृत था।
एलडीए ने दोनों मामलों में विहित न्यायालय में वाद दायर किया था, जहां से इन अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त करने के आदेश प्राप्त हुए। अदालत के आदेशों का पालन करते हुए एलडीए प्रवर्तन टीम ने कड़ी निगरानी में कार्रवाई को अंजाम दिया।
कार्रवाई के दौरान डेवलपर्स द्वारा बनाई गई सड़कें, नालियां, बाउंड्री वॉल और अन्य निर्माण कार्यों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। एलडीए अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति के किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य पूरी तरह अवैध माना जाएगा और इसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जोनल अधिकारी माधवेश कुमार ने आम जनता से अपील की कि वे किसी भी प्लाट को खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि उस प्लाट का लेआउट एलडीए से स्वीकृत है या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि अवैध कॉलोनियों में प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में गंभीर कानूनी परेशानियों में पड़ सकते हैं।
लखनऊ में अवैध प्लाटिंग की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। बिना प्राधिकरण की अनुमति के कई डेवलपर्स कृषि भूमि को कॉलोनियों में तब्दील कर रहे हैं। इससे न केवल शहरी योजनाओं का उल्लंघन होता है बल्कि मूलभूत सुविधाओं की भी कमी बनी रहती है। जल निकासी, सड़क, सीवरेज और बिजली जैसी आवश्यक सेवाएं इन कॉलोनियों में उपलब्ध नहीं हो पातीं, जिससे वहां निवास करने वाले लोगों को तमाम कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने भी इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि अवैध प्लाटिंग पर सख्त नजर रखी जा रही है। किसी भी डेवलपर को नियमों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। शहर के विकास को नियोजित और सुरक्षित बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि सभी निर्माण कार्य नियमानुसार हों।
स्थानीय लोगों ने एलडीए की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे अवैध कॉलोनियों की वजह से होने वाली समस्याओं में कुछ हद तक राहत मिलेगी। कई लोगों ने एलडीए से नियमित रूप से ऐसे क्षेत्रों में निरीक्षण करने की भी मांग की, ताकि भविष्य में कोई भी अवैध निर्माण शुरू न हो सके।