लखनऊ

Heavy Rain Gomti River Flood: बाढ़ के कारण 500 से ज्यादा बच्चों का स्कूल बंद, 15 किमी पैदल चलने को मजबूर

Heavy Rain Gomti River Flood: लखनऊ के गऊघाट इलाके में गोमती नदी पर बना पीपा पुल गुरुवार की रात टूट गया। नदी में पानी का फ्लो अचानक ज्यादा हो जाने से पुल टूटकर बिखर गया, जिससे 20 से अधिक गांव के लोग मुश्किल में हैं। बच्चों का स्कूल छूट गया है, और लोग नाव के सहारे जरूरी काम निपटा रहे हैं।

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Jul 14, 2024
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Heavy Rain Gomti River: लखनऊ के गऊघाट इलाके में गोमती नदी पर बना पीपा पुल गुरुवार रात अचानक टूट गया। नदी में पानी का बहाव अचानक बढ़ जाने के कारण पुल टूट गया, जिससे 20 से अधिक गांव के लोग मुश्किल में हैं। पुल टूटने से गांव के बच्चों का स्कूल छूट गया है। मार्केट और दवाओं के लिए लोग नाव से पार जा रहे हैं। काम करने वाले भी नाव के सहारे गोमती नदी पार कर रहे हैं।

नाव के लिए लंबा इंतजार

तीन नाव चलाए जाने के बाद भी लोगों को नाव के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी राकेश ने बताया कि पीपा पुल टूटने से फैजुल्लागंज, पैला दाउदनगर, इमामबाग डुगरिया, अल्लू नगर, गाजीपुर समेत 20 गांव के लोग परेशान हैं। स्थानीय प्रशासन ने शिकायत के बाद भी अभी कोई कदम नहीं उठाया है।

शिक्षा पर असर

पीपा पुल टूटने के बाद प्रभावित गांवों के लोगों ने बताया कि पढ़ाई के लिए इस पार से यूनिटी कॉलेज, फहरीन पब्लिक स्कूल और राजकीय इंटर कॉलेज में 500 से अधिक बच्चे जाते थे, लेकिन पुल टूटने से उन बच्चों ने स्कूल जाना बंद कर दिया है, जिससे अभिभावक परेशान हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं की कमी

पुल टूटने के बाद दवा के लिए लोग ज्यादा परेशान हैं। चौक की तरफ मेडिकल कॉलेज और बलरामपुर अस्पताल होने की वजह से बड़ी आबादी चौक की तरफ आती है। लेकिन पुल टूटने के बाद लोगों को दवा के लिए समस्या हो रही है। जो लोग घर से निकल रहे हैं, उन्हें नाव के इंतजार में काफी समय लग रहा है।

किसानों की समस्याएं

कई किसानों की खेती नदी के उस पार है। अब पीपा पुल टूट जाने के कारण वे उस पार नहीं जा पा रहे हैं, जिससे उनके खेतों में फसलों का नुकसान हो रहा है। किसानों ने कहा कि बारिश के बाद धान के खेत में पानी भर जाता है। पानी उतारने के लिए उन्हें हर रोज खेत जाना पड़ता है, लेकिन अब वे खेत नहीं पहुंच पा रहे हैं।

लंबा रास्ता और खर्च

पीपा पुल टूट जाने के बाद किसी भी इमरजेंसी में शहर आने के लिए लोगों को 15 किमी का रास्ता तय करना पड़ रहा है। अब गांवों के लोग फैजुल्लागंज से होकर पक्का पुल के रास्ते शहर में दाखिल हो रहे हैं। इसके बदले में उन्हें किराए की गाड़ियों के लिए 1 हजार रुपए तक देना पड़ रहा है।

नाव पर निर्भरता

पुल टूटने के बाद इलाके की बड़ी आबादी नाव के सहारे ही रह गई है। पशुओं के लिए चारा काटने से लेकर बाजार में खरीदारी और रोजमर्रा के काम के लिए लोग नाव पर निर्भर हैं।

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