
Gomti River
Gomti River Flood Relief: गोमती नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण लगभग आधा दर्जन गांवों में रहने वाले नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सुल्तानपुर, बहादुरपुर, लासा अकडरिया कला, अकडरिया खुर्द, दुघरा जमखनवा और हरदा गांव के सैकड़ों किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं।
खेतों में हरा चारा तो लगा हुआ है, लेकिन मवेशियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। किसानों की धान की नर्सरी तो बोई गई थी, लेकिन बढ़ते जलस्तर के कारण धान की रोपाई करना मुश्किल हो गया है। इसके अलावा, लोबिया, तरोई, लौकी, उड़द जैसी नकदी फसलें भी पानी में डूब गई हैं, जिससे किसानों का हजारों का नुकसान हो गया है।
विजय, बहादुरपुर के राजेश, चंद्रशेखर, सुनील और अन्य लोगों ने बताया कि पानी भर जाने से फसलें बर्बाद हो गई हैं और धान की रोपाई अब संभव नहीं है। पिछले साल भी धान की फसल हाथ से चली गई थी। किसानों का कहना है कि प्रशासन ने केवल मामूली राहत देकर इतिश्री कर ली थी, जबकि हर बार बाढ़ रोकने और मुआवजे की मांग की जाती है, लेकिन अधिकारी और जनप्रतिनिधि केवल आश्वासन देकर चले जाते हैं।
बढ़ते जलस्तर के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने हरदा कॉलोनी उप स्वास्थ्य केंद्र पर बाढ़ राहत शिविर खोला है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी के अधीक्षक जेपी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को मरीजों को दवा बांटी गई। स्वास्थ्य कर्मी गांव-गांव जाकर मरीजों को दवा वितरित करेंगे, लेकिन अकडरिया कला के लोगों ने बताया कि गांव में दवा देने कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं पहुंचा।
क्षेत्र के किसानों ने बताया कि मवेशियों के लिए हरा चारा खेतों से लाना मुश्किल हो रहा है। खेतों में हरा चारा तो लगा है, लेकिन वह उनसे कोसों दूर हो गया है। लोगों की मांग है कि नुकसान की गई फसल का आकलन करके उन्हें मुआवजा दिया जाए।
इस बढ़ते जलस्तर ने न केवल किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है, बल्कि उनके जीवन पर भी गंभीर प्रभाव डाला है। प्रशासन से उचित कदम उठाने और मुआवजे की मांग की जा रही है, ताकि इन किसानों को राहत मिल सके।
Published on:
13 Jul 2024 09:56 pm
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