Yogi सरकार उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। पेंशन, कौशल विकास, शिक्षा और रोजगार योजनाओं के माध्यम से दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। मनरेगा समेत विभिन्न योजनाओं के तहत 1.24 लाख से अधिक दिव्यांगों को रोजगार मिला है, जिससे उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आ रहा है।
Yogi Divyang Schemes Skill Development: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। विशेष रूप से दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने, उनकी प्रतिभा को निखारने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़े स्तर पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में 11 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है, साथ ही उनकी रुचि के अनुसार विभिन्न कौशल विकास योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
योगी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए कई प्रभावी योजनाएं लागू की हैं। शिक्षा के क्षेत्र में दिव्यांग छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए दो प्रमुख विश्वविद्यालयों की स्थापना की गई है— डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ और जगद्गुरु रामभद्राचार्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट। इन विश्वविद्यालयों में दिव्यांग छात्रों को विशेष सुविधाओं के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिल रहा है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
योगी सरकार दिव्यांगजनों को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार विभिन्न कौशल विकास योजनाओं से जोड़ने का कार्य कर रही है। सामाजिक संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों के सहयोग से उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे अपने जीवन को आर्थिक रूप से सक्षम बना सकें। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत दिव्यांगजनों को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है।
सरकार विभिन्न संस्थाओं के सहयोग से मंडल स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है, जहां दिव्यांगजनों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाती है और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार मनरेगा योजना के तहत दिव्यांगजनों को उनकी योग्यता और कार्यकुशलता के अनुसार रोजगार दिया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत 2017-18 से अब तक 1.24 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को रोजगार देकर उनकी आजीविका को सशक्त बनाया गया है। इन दिव्यांगजनों के माध्यम से अब तक 44.64 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं।
ग्राम्य विकास विभाग के अनुसार मनरेगा के तहत जरूरतमंद श्रमिकों को उनकी मांग के अनुसार 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
योगी सरकार की दिव्यांगजन सशक्तिकरण योजनाओं के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 50,201 पंजीकृत दिव्यांग जॉब कार्ड धारकों में से 23,262 दिव्यांगजनों को मनरेगा योजना के तहत रोजगार प्रदान किया गया। इससे 8.28 लाख मानव दिवस सृजित किए गए हैं।
2017-18: 11,332
2018-19: 10,993
2019-20: 10,699
2020-21: 17,400
2021-22: 14,065
2022-23: 13,948
2023-24: 22,630
2024-25 (वर्तमान): 24,000+
योगी सरकार दिव्यांगजनों के जीवन को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक बनाने के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। रोजगार, शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में दिव्यांगजन समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयासों से लाखों लोगों का जीवन बदल रहा है। सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को समावेशी विकास की दिशा में अग्रसर कर रही है।