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बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर कई शहरों में होते धमाके, जांच में हुआ बड़ा खुलासा

डॉ. शाहीन ने पूछताछ के दौरान समूह के वित्तीय नेटवर्क और संचालन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।

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Nov 13, 2025
NIA ने दिल्ली से आमिर राशिद अली को किया गिरफ्तार (Photo-IANS)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 नवंबर की शाम को लाल किले के पास हुए कार विस्फोट मामले में गुरुवार को एजेंसियों की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के मुताबिक 6 दिसंबर को आतंकी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर 6 शहरों में धमाके करना चाहते थे। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक शीर्ष खुफिया सूत्रों के अनुसार, यह खुलासा डॉ. शाहीन सईद, उनके भाई डॉ. परवेज़ और डॉ. मुज़म्मिल ने पूछताछ के दौरान हुआ है। बता दें कि दिल्ली कार विस्फोट की घटना में इन तीनों को गिरफ्तार किया गया है। इन लोगों पर योजनाबद्ध हमलों के लिए रुपये एकत्रित करने का आरोप है। 

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20 लाख रुपये नकद जुटाए

ANI के मुताबिक डॉ. मुजम्मिल, डॉ. अदील, डॉ. उमर और शाहीन ने मिलकर करीब 20 लाख रुपये नकद जुटाए। यह रकम उमर को ऑपरेशन के खर्च के लिए दी गई। वहीं सूत्रों ने बताया कि इस धनराशि का इस्तेमाल कथित तौर पर गुरुग्राम, नूंह और आसपास के क्षेत्रों से आईईडी बनाने के लिए लगभग 3 लाख रुपये मूल्य के 20 क्विंटल एनपीके उर्वरक की खरीद के लिए किया गया था।

 डॉ. शाहीन ने पूछताछ में किया खुलासा

वहीं डॉ. शाहीन ने पूछताछ के दौरान समूह के वित्तीय नेटवर्क और संचालन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। गिरफ्तार किए गए अन्य संदिग्धों से भी मॉड्यूल के संचालन के बारे में और जानकारी हासिल करने के लिए पूछताछ की जा रही है।

अगस्त में हमला करने की थी योजना

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि आंतकियों की पहली योजना इस साल अगस्त माह में हमला करने की थी, लेकिन रसद संबंधी देरी के कारण तारीख को 6 दिसंबर कर दिया गया। हालांकि 6 शहरों के नाम स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन प्रमुख स्थानों पर पुलिस बलों को सुरक्षा, तलाशी और क्षेत्र की जांच के साथ हाई अलर्ट पर रखा गया है।

पुलिस ने चलाया अभियान

पुलवामा पुलिस ने गुरुवार को राष्ट्र-विरोधी तत्वों के खिलाफ अपने अभियान के तहत जिले भर में कई संदिग्ध स्थानों पर घेराबंदी और तलाशी अभियान (CASO) चलाया। इन अभियानों का उद्देश्य गैरकानूनी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों का पता लगाना, निगरानी बढ़ाना और जन सुरक्षा सुनिश्चित करना था। सुरक्षा बलों के साथ संयुक्त अभ्यास के दौरान कई परिसरों की तलाशी ली गई और पहचान सत्यापित की गई।

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