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‘दिल्ली में घुसपैठिये बैठे हैं’: शेख हसीना का हवाला देकर ओवैसी ने केंद्र सरकार को घेरा

Owaisi Hasina Attack: बिहार चुनाव की रैलियों में असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र पर घुसपैठिये मुद्दे पर तंज कसा, वहीं हसीना को 'बहन' कह कर बुलाने का जिक्र किया।

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Oct 29, 2025
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी। (फोटो: IANS)

Owaisi Hasina Attack: बिहार चुनाव (Bihar Elections 2025) की चुनावी रणभेरी बजते ही AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला (Owaisi Hasina Attack) बोला। उन्होंने 29 अक्टूबर 2025 को बिहार में लगातार दो रैलियों में गृह मंत्री अमित शाह को घेरा। ओवैसी ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठ (Bangladeshi Infiltration) का मुद्दा उठा कर मुसलमानों को डराने की साजिश त्रकी जा रही है। उन्होंने पूर्व बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना का हवाला देकर केंद्र सरकार को ललकारा। ओवैसी ने साफ तौर पर कहा, "बिहार में कोई घुसपैठ नहीं हो रही है। अगर हो रही है, तो अमित शाह (Amit Shah Criticism) क्या कर रहे हैं?" उन्होंने शाह के बार-बार 'घुसपैठिये' शब्द के इस्तेमाल को मुसलमानों के खिलाफ डॉग-व्हिसलिंग बताया। रैली में उन्होंने पूछा, "मोदी-शाह घुसपैठिये हटाने की बात करते हैं, लेकिन चुनाव आयोग की स्पेशल रिवीजन में 65 लाख नाम कटे, फिर 3 लाख और – कितने घुसपैठिये निकले?" ये बयान बिहार की 243 सीटों पर होने वाले चुनावों से ठीक पहले आया, जहां AIMIM 32 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

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हसीना का सहारा: 'घुसपैठिये दिल्ली में ही बैठे हैं'

ओवैसी ने शेख हसीना को 'बहन' कह कर भारत बुलाने वाले मोदी पर चुटकी ली। उन्होंने कहा, "अमित शाह और मोदी, हम बता रहे हैं कि घुसपैठिये दिल्ली में ही बैठे हुए हैं। बांग्लादेश ने उन्हें बाहर फेंक दिया। मोदी ने कहा, 'आओ मेरी बहन।'" हसीना अगस्त 2024 में सत्ता से हटीं और अब भारत में शरण में हैं। ओवैसी ने पहले ही इंडियन एक्सप्रेस को इंटरव्यू में कहा था, "उन्हें क्यों रखा है? वापस भेज दो, वो भी तो बांग्लादेशी हैं।" ओवैसी का यह बयान केंद्र की विदेश नीति पर सवाल खड़े कर रहा है।

बीएसएफ से लेकर इंटेलिजेंस तक शाह के जिम्मे

ओवैसी ने गृह मंत्रालय के तहत बीएसएफ, बॉर्डर पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि ये सब अमित शाह के कंट्रोल में हैं। नीतीश कुमार की सरकार 20 साल से बिहार चला रही है, लेकिन घुसपैठ रोकने का जिम्मा केंद्र का है। ओवैसी ने BJP पर आरोप लगाया कि वो मुसलमानों को टारगेट कर रही है। उन्होंने कहा, "मोदी सबके लिए काम करने का दावा करते हैं, लेकिन BJP ने एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया।"

इंडिया गठबंधन पर निशाना: मुसलमानों के वोट लूटो, नुमाइंदगी मत दो

ओवैसी ने इंडिया ब्लॉक पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस, RJD और सपा मुसलमानों के वोट मांगते हैं, BJP के डर का फायदा उठाते हैं। लेकिन BJP को रोक नहीं पाए, फिर भी वोट लेने के लिए आते हैं।" बिहार में 17% मुसलमान आबादी है, फिर भी CM पद पर मुस्लिम को मौका क्यों नहीं दिया गया? उन्होंने तंज कसा, "3% आबादी वालों के लिए डिप्टी CM का वादा कर देते हो, लेकिन 17% को क्या दोगे?" उन्होंने RJD के तेजस्वी यादव को CM कैंडिडेट बनाने पर AIMIM को अलग रखने का आरोप लगाया।

वक्फ कानून पर विद्रोह: 'काले कानून को फाड़ दिया'

ओवैसी पोठिया रैली में वक्फ कानून पर बोले। उन्होंने कहा, "वो वक्फ कानून लाए, हमने उनके सामने फाड़ दिया। यह काला कानून था। सही लड़ाई लड़नी है, क्योंकि बुजुर्गों ने सिखाया है – डरो मत।" ओवैसी ने AIMIM कैंडिडेट्स को वोट देने की अपील की। यह बयान मुस्लिम पर्सनल लॉ पर केंद्र के प्रयासों के खिलाफ है।

चुनावी माहौल में सियासी तकरार

बिहार चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे, नतीजे 14 नवंबर को। BJP 101 सीटों पर लड़ेगी, बिना किसी मुस्लिम कैंडिडेट के। ओवैसी का ये हमला विपक्ष को मजबूत करने की कोशिश लगता है। लेकिन केंद्र पर घुसपैठ और हसीना के मुद्दे ने नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञ कहते हैं, ये बयान मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट कर सकता है।

इस मामले पर सुलगते सवाल

केंद्र हसीना मुद्दे पर क्या जवाब देगा?
AIMIM बिहार चुनाव में कितनी सीटें जीतेगी?
इंडिया ब्लॉक AIMIM को शामिल करेगा?

मुस्लिम वोट बैंक की जंग

ओवैसी का हमला विपक्ष को कमजोर दिखाता है, लेकिन BJP के 'घुसपैठिए' नैरेटिव को चुनौती देता है। बिहार में 17% मुस्लिम वोट निर्णायक साबित हो सकते हैं।

भारत-बांग्लादेश संबंधों पर असर ?

बहरहाल ओवैसी का हसीना पर तंज भारत की विदेश नीति को उजागर करता है। हसीना भारत में शरण में हैं, लेकिन बांग्लादेश में तनाव बढ़ा। केंद्र ने चुप्पी साधी है, लेकिन ये मुद्दा चुनावी हथियार बन सकता है। बिहार में मुस्लिम वोट निर्णायक हैं।

बयान पर विशेषज्ञ की राय

"ओवैसी का तंज सियासी तीर है, लेकिन घुसपैठ मुद्दे पर केंद्र को जवाब देना चाहिए। मुसलमानों की चिंता जायज है।" – डॉ. अहमद खान, राजनीतिक विश्लेषक, हैदराबाद।

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