Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन के अंतिम संस्कार के बीच दिल्ली में सियासी घमासान मचा है। आम आदमी पार्टी ने पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार राजघाट पर नहीं किए जाने पर सवाल उठाए हैं। साथ ही पीएम मोदी से सवाल भी पूछे हैं।
Manmohan Singh: दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह का शनिवार को दिल्ली के निगमबोध श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है। उनकी अंतिम यात्रा शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय निगमबोध तक निकाली गई। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 'जब तक सूरज चांद रहेगा। मनमोहन आपका नाम रहेगा' और मनमोहन सिंह अमर रहें के नारे लगाते रहे। उनके अंतिम संस्कार में दिल्ली के निगम बोध घाट पर पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भूटान के राजा समेत कई बड़े नेता और हस्तियां श्मशान घाट पहुंचे हैं। सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी समेत कांग्रेस के कई दिग्गज नेता भी निगम घाट पर मौजूद हैं।
दूसरी ओर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर दिल्ली में सियासी घमासान भी शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी ने पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार राजघाट पर नहीं करने को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर सवाल खड़े किए हैं। आप नेता संजय सिंह ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध पर करने को सिख समाज का अपमान बताया है।
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा " यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें इस बारे में भी बात करनी पड़ रही है। इससे पता चलता है कि सरकार की सोच कितनी छोटी है। मैं पीएम नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि आप पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए राजघाट परिसर में जगह देने को तैयार नहीं हैं? ये बीजेपी की सोच है। ये अपने आप को सबसे संस्कारी पार्टी कहते हैं? मुझे एक पूर्व प्रधानमंत्री का नाम बताएं जिनका अंतिम संस्कार निगमबोध में किया गया था… सिख समुदाय के लोग आज कितना अपमानित महसूस कर रहे होंगे।"
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जगह को लेकर अखिलेश यादव ने भी भाजपा को कोसा है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया X अकाउंट पर लिखा "देश के पूर्व प्रधानमंत्री जी की समाधि के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए। न इस विषय पर किसी राजनीति की आवश्यकता है, न होनी चाहिए। डॉ. मनमोहन सिंह जी की समाधि राजघाट पर ही बननी चाहिए। भाजपा अपनी संकीर्ण सोच का अनुचित उदाहरण प्रस्तुत न करे। इतिहास भाजपा को उसके इस नकारात्मक नज़रिये के लिए कभी माफ़ नहीं करेगा।"