CG News: छत्तीसगढ़ के रजत महोत्सव वर्ष में महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण योजनाओं ने नई पहचान बनाई है। महतारी वंदन से सुकन्या समृद्धि तक—विकास की मिसाल।
"छत्तीसगढ़—वह धरती जहाँ विकास सिर्फ़ सड़कों और इमारतों से नहीं, बल्कि महिलाओं की ताकत और बच्चों की मुस्कान से मापा जाता है।" जब राज्य अपने सिल्वर जुबली साल में अपनी 25वीं सालगिरह मना रहा है, तो यह गर्व से कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ ने पिछले पच्चीस सालों में एम्पावरमेंट की एक नई कहानी लिखी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में, राज्य ने महिला एम्पावरमेंट, बच्चों की भलाई और न्यूट्रिशन में सुधार के मामले में शानदार उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इन योजनाओं का असर धमतरी जैसे ज़िलों में ज़मीन पर दिख रहा है—जहाँ महिलाएँ आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं और बच्चे सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं।
धमतरी ज़िले में लागू की गई योजनाओं ने ज़िले की सामाजिक और आर्थिक तस्वीर बदल दी है।
जहाँ महिलाएँ आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं, वहीं बच्चों का भविष्य भी ज़्यादा सुरक्षित हुआ है।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना (2005-06) के तहत अब तक ज़िले की 2,066 लड़कियों को फ़ायदा हुआ है। इस योजना ने आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों को सामाजिक सुरक्षा दी है।
इसी तरह, नोनी सुरक्षा योजना (2014) ने 6,316 लड़कियों को पढ़ाई और भविष्य के लिए आर्थिक मदद दी है।
2015 में शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना ने लड़कियों की बचत और फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस को एक नई दिशा दी है।
धमतरी जिले में 44,182 लड़कियों को इस स्कीम से फायदा हुआ है।
दिशा दर्शन योजना (2012-13) के तहत 892 बेनिफिशियरी को एजुकेशन और नौकरी के मौकों से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शुरू की गई महतारी वंदना योजना (2024) ने महिलाओं के लिए मातृत्व, पोषण और आर्थिक मदद के क्षेत्रों में एक ऐतिहासिक पहल की है।
अब तक धमतरी जिले में 231,662 महिलाओं को इस योजना का फायदा मिला है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (2017) 58,822 लाभार्थियों को सुरक्षित मातृत्व की ओर ले जा रही है।
छत्तीसगढ़ महिला कोष लोन स्कीम (2003-04) के तहत 1,494 महिलाओं को सेल्फ-एम्प्लॉयमेंट के लिए लोन दिया गया है।
महिला कोष सक्षम स्कीम (2009-10) ने 147 बेनिफिशियरी को अपना जीवन स्तर बेहतर बनाने में मदद की है।
ये स्कीम महिलाओं को मजबूत बनाने और एम्पावर करने में मील का पत्थर साबित हुई हैं।
राज्य सरकार ने बच्चों के विकास और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया है।
मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना (2009) से 1,129 बच्चों को शैक्षिक और सामाजिक सहयोग मिला है।
साल 2025 में शुरू हुई पूरक पोषण आहार योजना से 65,433 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं — जो कुपोषण उन्मूलन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
छत्तीसगढ़ की सिल्वर जुबली न सिर्फ़ पिछले 25 सालों की कामयाबियों का जश्न है, बल्कि एक मज़बूत भविष्य की नींव भी है।
महिलाओं और बच्चों का एम्पावरमेंट राज्य की तरक्की में एक नया चैप्टर लिख रहा है—
एक ऐसा छत्तीसगढ़ जो सच में है— "एम्पावर्ड वुमन, प्रॉस्परस छत्तीसगढ़।"