CG Election 2024: लोकसभा चुनाव का रिजल्ट अभी आया नहीं है, पर अभी से रायपुर लोकसभा सीट में भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल की जीत को लेकर दोनों ही पार्टी के नेता आश्वस्त है।
CG Election 2024: लोकसभा चुनाव का रिजल्ट अभी आया नहीं है, पर अभी से रायपुर लोकसभा सीट में भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल की जीत को लेकर दोनों ही पार्टी के नेता आश्वस्त है। इसी कारण भाजपा-कांग्रेस में रायपुर दक्षिण विधानसभा में उपचुनाव के लिए टिकट के दावेदारों में हलचल शुरू हो गई है। भाजपा के दावेदारों ने तो प्रदेश के आला नेताओं से भी अपनी-अपनी लॉबिंग शुरू कर दी है। वहीं, कांग्रेस के दावेदारों ने पार्टी नेताओं से लेकर दिल्ली तक जुगाड़ शुरू कर दिया है। क्योंकि टिकट फाइनल तो दिल्ली से होगा।
दोनों ही पार्टी भाजपा और कांग्रेस में इस समय सबसे ज्यादा दावेदारी पुराने और वर्तमान पार्षद करने लगे हैं। अभी से अपने-अपने समर्थकों को बताना शुरू कर दिया है कि इस बार वे टिकट जरूर लेकर रहेंगे। क्योंकि कई सालों से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। साथ ही, अपने प्रतिद्वंदी दावेदारों की शिकायतें भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तक अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के जरिए भिजवाना शुरू कर दिए हैं।
दक्षिण विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी (CG Election 2024) को लेकर दोनों ही पार्टी के संगठन के पदाधिकारी भी अभी से सक्रिय हो गए हैं। भाजपा के कुछ पदाधिकारी तो सामाजिक स्तर पर भी लॉबिंग शुरू कर दी है। साथ ही, पार्टी के बड़े नेताओं तक उनके समाज द्वारा क्षेत्र में किए गए सामाजिक और जनहित कार्यों का बखान भी करने लगे हैं। साथ ही अन्य प्रमुख लोगों को अपने नाम की दावेदारी बताने को कह रहे हैं।
भाजपा में चर्चा है कि रायपुर दक्षिण सीट खाली होने पर किसी ऐसे चेहरे को टिकट जाएगा, जो एकदम से नया चेहरा और बेदाग छवि है। साथ ही, क्षेत्र में लोग उन्हें जानते हो। ताकि सीट को आसानी से निकाला जा सके। वहीं, कांग्रेस में भी किसी ऐसे चेहरे को टिकट मिल सकता है, जो नए चेहरे के साथ भाजपा प्रत्याशी (CG Election 2024) को कड़ी टक्कर देकर चुनाव जीत सकें।
रायपुर लोकसभा सीट से बृजमोहन अग्रवाल के चुनाव जीतने (Election 2024 Results) के बाद दिसंबर में ही उपचुनाव हो सकता है। किसी भी सीट के खाली होने पर छह माह में चुनाव कराने का प्रावधान है। क्योंकि लोकसभा चुनाव के छह माह बाद नगरीय निकायों का चुनाव भी होना है। इसलिए दोनों चुनाव एक साथ कराने की संभावना ज्यादा है।