Rampur News: अखिलेश यादव आज रामपुर में आजम खान से मुलाकात करेंगे, जिससे बसपा में आजम के जाने की अटकलों पर विराम लगने की संभावना है। यह बैठक बसपा की रैली से ठीक पहले हो रही है, जिससे यूपी की सियासत में हलचल तेज़ हो गई है।
Akhilesh Yadav Azam Khan Meeting in Rampur: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव आज रामपुर में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान से मुलाकात करेंगे। ये मुलाकात सामान्य नहीं, बल्कि राजनीतिक मायनों से बेहद अहम मानी जा रही है। क्योंकि बसपा की कांशीराम पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाली बड़ी रैली से ठीक एक दिन पहले हो रही यह बैठक प्रदेश की राजनीति में नई दिशा तय कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात से आजम के बसपा में शामिल होने की चर्चाओं पर भी पूरी तरह विराम लगने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार, अखिलेश यादव सुबह 10.30 बजे लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से निजी विमान द्वारा बरेली रवाना होंगे। वहां से वह सड़क मार्ग से रामपुर जाएंगे, जहां दोपहर 12.30 बजे आजम खान के आवास पहुंचने का कार्यक्रम है। दोनों नेताओं की बैठक करीब एक घंटे तक चलेगी, जिसके बाद अखिलेश 1.30 बजे रामपुर से बरेली लौटेंगे और फिर 3.30 बजे के करीब लखनऊ पहुंचने का कार्यक्रम है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि यह मुलाकात केवल स्वास्थ्य जानने के बहाने नहीं होगी, बल्कि सियासी संदेश देने के लिहाज से भी अहम होगी।
आजम खान के जेल से छूटने के बाद उनके बसपा में जाने की चर्चाएं लगातार तेज़ थीं। ऐसे में बसपा की रैली से पहले अखिलेश का रामपुर जाना राजनीतिक रूप से ‘डैमेज कंट्रोल’ के रूप में देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि अखिलेश इस मुलाकात के ज़रिए स्पष्ट संकेत देना चाहते हैं कि आजम खान अब भी सपा परिवार का अहम हिस्सा हैं और दोनों के बीच कोई मतभेद नहीं है।
आजम खान 23 सितंबर को 23 महीने की जेल काटने के बाद रिहा हुए थे। जेल से बाहर आने के बाद वह सार्वजनिक मंचों से दूरी बनाकर चल रहे हैं, मगर उनकी चुप्पी ने कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दिया था। सपा के संस्थापक सदस्य और मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले आजम, हमेशा मुस्लिम समुदाय के बीच बड़ी पकड़ रखते हैं। यही वजह है कि सपा चाहती है उनका कद और प्रभाव पार्टी के साथ बरकरार रहे ताकि आगामी चुनावों में मुस्लिम वोटों का भरोसा सपा से न हटे।
अखिलेश यादव की मुलाकात की खबर पर आजम खान ने व्यंग्यपूर्ण लेकिन आत्मीय अंदाज़ में कहा, “सुना है, आ रहे हैं… आप लोगों से ही सुना है। आ रहे हैं, अच्छी बात है। मुझसे मिलने आएंगे, मेरी तबीयत का हाल पूछेंगे। मुझसे ही मिलेंगे और सिर्फ मुझसे ही। यह उनका बड़प्पन है कि वो एक बकरी चोर-भैंस चोर से मिलने आ रहे हैं।” आजम की यह टिप्पणी भले मज़ाकिया लहजे में थी, लेकिन इसका राजनीतिक अर्थ गहरा है।