Azam Khan Rampur: उत्तर प्रदेश में 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने इसे भाईचारे को तोड़ने की साजिश करार देते हुए जिला प्रशासन पर सवाल उठाए और कहा कि बातचीत से मामला आसानी से सुलझाया जा सकता था। आजम खान ने विवाद की पूरी कहानी पर अपने विचार साझा किए।
Azam khan statement on I Love Mohammed controversy: उत्तर प्रदेश में 'आई लव मोहम्मद' विवाद को लेकर अब समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने इस पूरे मामले को सोची-समझी साजिश करार दिया है और कहा कि जिला प्रशासन जानबूझकर विवाद को बढ़ावा दे रहा था। उनका कहना है कि अगर प्रशासन चाहता तो बातचीत और संवाद के माध्यम से इस मामले को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सकता था।
आजम खान ने कहा, "अगर मैं इसे चिंगारी भी कहूं, तो सवाल यह है कि यह छोटी-सी बात इतनी बड़ी आग कैसे बन गई।" उन्होंने जोर देकर कहा कि इतिहास गवाह है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी बिगड़ी हों, समाधान हमेशा बातचीत की मेज पर ही निकाला जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह देश की गंगा-जमुनी तहजीब को चोट पहुंचाने की साजिश थी और प्रशासन अगर चाहता तो मामला बातचीत से हल किया जा सकता था।
इस विवाद की शुरुआत 4 सितंबर 2025 को कानपुर में हुई थी। बारावफात (ईद-मिलादुन्नबी) के जुलूस के दौरान रावतपुर के सैयद नगर में रामनवमी शोभायात्रा मार्ग के पास एक टेंट पर 'आई लव मोहम्मद' बैनर लगाया गया। यह मार्ग परंपरागत जुलूस मार्ग से हटकर था, जिससे हिंदू संगठनों ने विरोध जताया। बैनर फाड़ने की घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने स्थिति को संभाला और बैनर हटवाया। इसके बाद दोनों समुदायों के बीच समझौता कराया गया।
5 सितंबर को जुलूस के दौरान मुस्लिम समुदाय के कुछ युवकों पर दूसरे समुदाय के धार्मिक पोस्टर फाड़ने का आरोप लगा। इसके बाद विवाद और बढ़ गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर 25 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इस घटना के बाद पूरे उत्तर प्रदेश और देश के कुछ हिस्सों में माहौल तनावपूर्ण हो गया।
इससे पहले, दिवाली के मौके पर आजम खान ने कहा था कि "दीये जलते नहीं हैं, बल्कि रोशन किए जाते हैं।" उनका कहना था कि रोशन किए गए दीये लोगों को ठंडक और राहत पहुंचाते हैं, जबकि जो लोग दीये जलाते हैं, वे कुछ भी जला सकते हैं। उन्होंने बताया कि उनके आवास पर कई लोग उनसे मिलने आते हैं और उन्हें लगता है कि उनके साथ गलत हुआ है। आजम खान ने इसे 'हमदर्दी की दवा' बताया और कहा कि लोगों की हमदर्दी उनके लिए सांत्वना का काम कर रही है।
आजम खान ने जोर देकर कहा कि यह विवाद केवल सद्भाव बिगाड़ने की साजिश था। उन्होंने कहा, "अगर कोई किसी से प्यार करता है, तो यह उसका जन्मसिद्ध अधिकार है।" उन्होंने प्रशासन से सवाल उठाया कि अगर बातचीत का विकल्प चुना गया होता, तो यह विवाद इतनी बड़ी आग का रूप नहीं लेता।