धर्म और अध्यात्म

Kali Puja 2025 में किस दिन मनाई जाएगी? जानिए तिथि, समय और भोग की संपूर्ण जानकारी

Kali Puja 2025: काली पूजा अमावस्या की रात को होती है, जहां मां काली की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन शुभ मुहूर्त में विशेष मंत्रों के जाप के साथ पूजा होती है।

3 min read
Oct 14, 2025
Kali Puja 2025 muhurat|फोटो सोर्स – Patrika.com

Kali Puja 2025 Date: काली पूजा मां काली को समर्पित एक बेहद प्रसिद्ध हिंदू त्योहार है, जिसे बड़े भव्य एवं धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार खासकर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आस-पास के पूर्वी राज्यों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार यह पर्व कार्तिक माह में आता है। काली पूजा अमावस्या की रात को होती है, जहां मां काली की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन शुभ मुहूर्त में विशेष मंत्रों के जाप के साथ पूजा होती है।आइए जानते हैं भई मुहूर्त और पूजा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां।

ये भी पढ़ें

Choti Diwali Horoscope 2025: छोटी दिवाली पर गुरु की कृपा का योग, इन राशियों के लिए हो सकता है गोल्डन टाइम

काली पूजा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

काली पूजा की तिथि: मंगलवार, 21 अक्टूबर 2025
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 21 अक्टूबर को सुबह 6:29 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 22 अक्टूबर को सुबह 4:55 बजे
काली पूजा निशिता काल मुहूर्त: रात 11:55 बजे से 12:44 बजे तक (21 अक्टूबर की रात से 22 अक्टूबर की भोर तक)

काली पूजा का महत्व

कहा जाता है कि मां काली की पूजा करने से भय, रुग्णता और दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं। यह पूजा आत्मबल बढ़ाने, शत्रु बाधा नाश करने और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाने का प्रतीक मानी जाती है।दीवाली की रात, जब पूरा देश लक्ष्मी पूजन करता है, बंगाल में मां काली का पूजन किया जाता है। मां काली को प्रसन्न करने के लिए भक्त तांत्रिक विधियों से विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।

भोग और प्रसाद

काली पूजा में मां काली को विशेष प्रकार का भोग अर्पित किया जाता है। इसमें मांसाहारी व्यंजन जैसे मटन, मछली, आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा, मीठे पकवान जैसे पेयश (Payesh) और अन्य बंगाली मिठाइयां भी अर्पित की जाती हैं। भोग अर्पित करने के बाद, प्रसाद के रूप में इन व्यंजनों का वितरण किया जाता है।

काली पूजा 2025 में उपयोग होने वाली सामग्री

  • मां काली की प्रतिमा या तस्वीर
  • भगवान गणेश और विष्णु की मूर्ति (पूजन में पहले गणेश जी और विष्णु जी की पूजा की जाती है)
  • धूप और दीपक
  • चंदन पाउडर
  • अक्षत (साफ और साबुत चावल)
  • दरबा घास (पवित्र मानी जाती है)* तांत्रिक प्रतीक (जैसे यंत्र आदि, जो पूजा में विशेष रूप से उपयोग किए जाते हैं)
  • काले तिल, नींबू, नारियल
  • मिठाई, गुड़, शहद
  • लाल फूल, विशेष रूप से हिबिस्कस (गुड़हल) का फूल
  • काली वस्तुएं जैसे काले कपड़े या काला धागा
  • कुमकुम, हल्दी और सिंदूर
  • पंचमेवा (5 तरह के सूखे मेवे)
  • जल का पात्र, कलश, पान के पत्ते, सुपारी, लौंग

मां काली की आरती (Maa Kali Aarti 2025)


अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥
तेरे भक्त जनो पर माता भीड़ पड़ी है भारी।
दानव दल पर टूट पडो माँ करके सिंह सवारी॥
सौ-सौ सिहों से बलशाली, है अष्ट भुजाओं वाली,
दुष्टों को तू ही ललकारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
माँ-बेटे का है इस जग मे बडा ही निर्मल नाता।
पूत-कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता॥
सब पे करूणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखडे निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना।
हम तो मांगें तेरे मन में छोटा सा कोना॥
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचाने वाली,
सतियों के सत को सवांरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती॥
अम्बे तू है जगदम्बे काली,
जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती,
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली।
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली॥
माँ भर दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भक्तों के कारज तू ही सारती।। ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुण गावें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।

मां काली मंत्र (Maa Kali Manta 2025)


मां काली बीज मंत्र- ॐ क्रीं काली

काली माता मंत्र- ॐ श्री महा कालिकायै नमः

कालिका-येई मंत्र- ॐ क्लीं कालिका

काली गायत्री मंत्र- ॐ महा कल्यै च विद्महे स्मसन वासिन्यै च धीमहि तन्नो काली प्रचोदयात

दक्षिणा काली ध्यान मंत्र- ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं दक्षिणा कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं ह्रीं

पंद्रह अक्षरों वाला मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं आद्य कालिका परं ईश्वरी स्वाहा

काली माँ की प्रार्थना के लिए मंत्र- क्रिंग क्रिंग क्रिंग हिंग क्रिंग दक्षिणे कालिके क्रिंग क्रिंग क्रिंग ह्रिंग ह्रिंग हंग हंग स्वाहा

ये भी पढ़ें

Diwali 2025: धनतेरस से भाई दूज तक, जानें दीपावली के 5 दिनों का महत्व और उनकी धार्मिक मान्यता

Published on:
14 Oct 2025 01:01 pm
Also Read
View All

अगली खबर