शनि स्तुति का पाठ जीवन में आने वाले शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभावों को शांत करता है। यहां पढ़ें, शनि स्तुति और उसके चमत्कारी लाभ।
Shani Stuti Lyrics in Hindi: शनि स्तुति के नियमित पाठ से कई फायदे होते हैं। माना जाता है कि इसे शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है। जीवन में आने वाली बाधाएं हटती हैं और हर काम में कामयाबी मिलती है। इस आर्टिकल में पढ़िए, शनि स्तुति हिंदी में, स्तुति के लाभ, विधि और पाठ करने का सही समय।
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकंठनिभाय च।
नम: कालाग्रिरूपाय कृतान्ताय च वै नम:॥
नमो निर्मासदेहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।
नमो: विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते॥
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णे च वै पुन:।
नमो दीर्घाय शुष्काय कालदष्ट्रं नमोस्तुते॥
नमस्ते कोटरक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय करालिने॥
नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोस्तुते।
सूर्यपुत्र नमस्तेस्तु भास्करेअभयदाय च॥
अधोदृष्टे नमस्तेस्तु संवर्तक नमोस्तुते।
नमो मंदगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोस्तुते॥
ज्ञान चक्षुर्नमस्तेस्तु कश्पात्मजसूनवे।
तुष्टो ददासि वै राज्यं रूष्टो हरिस तत्क्षणात्॥
देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरु मे सौरे वारदो भव भास्करे।
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।।