Ranthambore: रणथम्भौर बाघ परियोजना में ऑफ सीजन में भी बुकिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है।
सवाईमाधोपुर। रणथम्भौर बाघ परियोजना में ऑफ सीजन में भी बुकिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा चल रहा है। यह सब वन विभाग के अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है, लेकिन इसके बाद भी अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। इसका खमियाजा पर्यटकों को भुगतना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
दरअसल, रणथम्भौर में एक ट्रेवल एजेंट ने टिकट बनाकर शनिवार के लिए चार पर्यटकों की बुकिंग की थी। लेकिन सफारी से चार घंटे पहले संबंधित पर्यटकों को बुकिंग कैंसिल होने का हवाला दे दिया। पर्यटक ने एडवांस पैसा लेकर बुकिंग होने पर सवाल उठाए तो ट्रेवल एजेंट ने राशि रिफंड कर दी। इस दौरान किसी दूसरे शहर से आई पर्यटक अंतिम समय सफारी निरस्त होने की सूचना से परेशान नजर आई।
एक ओर तो वन विभाग रणथम्भौर की बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की बात कर रहा है। दूसरी ओर बुकिंग के नाम पर ऑफ सीजन में भी फर्जीवाडा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में पर्यटकों की निगाह में रणथम्भौर की छवि खराब हो रही है। वहीं वन विभाग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे है।
इस मामले को लेकर जब फर्जी टिकट पर अंकित फोन नंबर से बात की तो किसी प्रीतपाल नामक व्यक्ति ने फोन उठाया। उसका कहना था कि टिकट कैंसिल हो गया था और रिफंड कर दिया है। इसके बाद अन्य जानकारी के नाम पर उसने फोन काट दिया।
रणथम्भौर में संचालित एक बुकिंग एजेंट ने पर्यटक को सफारी के सभी टिकट सोल्ड होने का झांसा देकर एडवांस पैसा मंगवाया और रणथम्भौर टाइगर रिजर्व लिखे लैटर हैड पर प्रिंट देकर बुकिंग दर्शा दी। सफारी टिकट पर ड्राइवर के नंबर सहित ट्रेवल एजेंट का नंबर भी अंकित था। टिकट पर पर्यटकों के नाम सहित सफारी का समय भी दिया गया। लेकिन टिकट पर सफारी जोन नौ और दस के बीच दिखाई, जबकि रणथम्भौर में नियमानुसार एक सफारी के दौरान पर्यटक को केवल एक ही जोन आवंटित किया जाता है।
इस दौरान महिला पर्यटक अपने तीन सदस्यों के साथ 13 सितंबर की सफारी के लिए रणथम्भौर आ गई और होटल में ठहरी हुई थी। इस दौरान महिला को सफारी से कुछ घंटे पहले टिकट निरस्त होने की सूचना दी। महिला ने बताया कि यह सफारी उसका बर्थडे ट्रिप था। एजेंट ने उसे सभी टिकट बिक जाने का हवाला देकर एडवांस पैसा लेकर टिकट बनाकर दिया था।