Rajasthan News: शिक्षानगरी सीकर के मास्टर प्लान को लेकर विवादों के बीच अब स्वायत्त शासन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब शिक्षानगरी का मास्टर प्लान 2041 के बजाय 2047 तैयार होगा।
Rajasthan News: शिक्षानगरी सीकर के मास्टर प्लान को लेकर विवादों के बीच अब स्वायत्त शासन विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब शिक्षानगरी का मास्टर प्लान 2041 के बजाय 2047 तैयार होगा। इससे पहले यूआइटी की ओर से नए गांव-ढाणियों को शामिल करते हुए यूआइटी सीमा का विस्तार किया जाएगा।
संभावना है कि यूआइटी सीमा में 25 से 30 गांव-ढाणियों को और शामिल किया जाएगा। इसके बाद स्वायत्त शासन विभाग की ओर से नए सिरे से शिक्षानगरी का मास्टर प्लान तैयार होगा। दरअसल, मास्टर प्लान का प्रारूप जारी होने के बाद से ही मास्टर प्लान को लेकर किसान सहित कई संगठनों की ओर से सवाल उठाए जा रहे थे।
मास्टर प्लान में बदलावों की मांग को लेकर संघर्ष समिति का भी गठन हुआ था। संघर्ष समिति की ओर से सीकर बंद कराकर यूडीएच मंत्री से वार्ता की थी। यूडीएच मंत्री की वार्ता के बाद संघर्ष समिति ने आंदोलन स्थगित कर दिया था। अब विभाग ने रिव्यू किया तो सामने आया कि शिक्षानगरी का तेजी से विस्तार हो रहा है। ऐसे में शिक्षानगरी को मास्टर प्लान 2041 के बजाय 2047 की आवश्यकता है।
मास्टर प्लान को लेकर स्थानीय लोगों के साथ किसानों में विरोध की कई वजह है। किसानों का कहना है कि उनकी जमीनों को बिना वजह ही सुविधा क्षेत्र में बता दिया गया है। वहीं कई नए बाइपासों की चौड़ाई को लेकर भी विरोध है। इसके अलावा कई कॉलोनियों को यूआइटी ने अनुमोदित कर दिया। इसको लेकर राजस्थान पत्रिका में प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए गए थे।
मास्टर प्लान 2047 में किसानों के राहत का दावा किया गया है। विभाग का दावा है कि यूआइटी क्षेत्र में नए गांव शामिल होने से सरकारी जमीन का एरिया बढ़ सकेगा। इससे किसानों की जमीनों को सुविधा सहित अन्य क्षेत्र में शामिल नहीं किया जाएगा।
मास्टर प्लान की समीक्षा में बताया गया है कि एज्युकेशन जोन की वजह से सीकर शहर के आसपास के इलाकों में काफी तेजी से बसावट हुई है। इसके विपरीत ज्यादातर बसावट बाइपास व गांव-ढाणियों में जाने वाली सड़कों के किनारे हुई है। इससे मास्टर प्लान की पालना नहीं हुई है। मास्टर प्लान की समीक्षा में बताया कि बाइपास का निर्माण भी मास्टर प्लान के प्रस्तावित एलाइनमेंट के अनुसार नहीं हुआ है।
कांग्रेस के राज में तैयार हुए मास्टर प्लान में चहेतों को फायदा पहुंचाया व किसानों को तबाह करने का काम किया। इसलिए अब विभाग स्तर पर यह तय किया गया है कि शिक्षानगरी को मास्टर प्लान 2047 की आवश्यकता है। इसलिए पहले यूआइटी की सीमा में विस्तार किया जाएगा। इसके बाद नए मास्टर प्लान बनाया जाएगा।
- झाबर सिंह खर्रा, यूडीएच मंत्री