Rajasthan Success Story: रेवदर तहसील के जोलपुर गांव के प्रगतिशील किसान नारायणलाल माली वैज्ञानिक पद्धतियों से खेती कर सालाना 20 से 22 लाख रुपए की आय अर्जित कर रहे हैं।
सिरोही। जिले में कई किसान अब परम्परागत खेती छोड़कर आधुनिक तरीकों से खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इससे किसानों को कम लागत और कम मेहनत में अधिक लाभ मिल रहा है। जिले की रेवदर तहसील के जोलपुर गांव के प्रगतिशील किसान नारायणलाल माली आधुनिक तरीके से खेती कर सालाना अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
परम्परागत खेती से शुरुआत करने वाले 48 वर्षीय नारायणलाल माली ने धीरे-धीरे वैज्ञानिक पद्धतियों एवं जैविक तकनीकों को अपनाकर न केवल खेती की लागत कम की, बल्कि अपनी आय को भी दोगुना किया है। वर्तमान में माली ने 2200 पपीते के पौधे, एक बीघा में टमाटर, एक बीघा में मिर्च तथा 10 बीघा में विभिन्न प्रकार की सब्जियों की बुवाई कर रखी है। वे सीजन के अनुसार 60 से 70 बीघा क्षेत्र में खेती कर रहे हैं। इन सभी फसलों से उन्हें सालाना करीब 20 से 22 लाख रुपए का मुनाफा हो रहा है।
प्रगतिशील किसान नारायणलाल माली की परवरिश खेती-किसानी के माहौल में हुई है। बचपन से ही पिता के साथ खेतों में काम करते हुए उनकी खेती के प्रति रुचि विकसित हुई। माली ने 9वीं तक पढ़ाई करने के बाद पूरी तरह खेती को अपना लिया। खेती में रुचि के कारण वे कृषि पर्यवेक्षकों के संपर्क में आए और विभागीय प्रशिक्षणों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगे। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा आयोजित विभिन्न ऑन-फार्म एवं संस्थागत प्रशिक्षणों में शामिल होकर उन्हें आधुनिक खेती, जैविक तकनीक, पौध उत्पादन और सिंचाई पद्धतियों की विस्तृत जानकारी मिली।
माली न केवल अपने खेत में नवीन तकनीकों को अपनाते हैं, बल्कि आसपास के किसानों को निशुल्क प्रशिक्षण भी देते हैं। उन्होंने अपने खेत को मॉडल डेमो फार्म के रूप में विकसित कर रखा है। वे जैविक उत्पादों और तकनीकों का महत्व बताते हुए किसानों को रसायन-मुक्त खेती के लिए प्रेरित करते हैं। उनके मार्गदर्शन में कई किसानों ने जैविक सब्जी उत्पादन शुरू किया है।
पपीते की खेती किसानों के लिए बेहद लाभदायक है। बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति से कम समय में अधिक उत्पादन मिलता है। जोलपुर के प्रगतिशील किसान नारायणलाल माली आधुनिक तरीकों से खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। वे पूरी तरह वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाकर खेती कर रहे हैं और आसपास के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।