Wheelchair distribution controversy : सुल्तानपुर में दिव्यांगजन समारोह में एक चमत्कार हो गया। यहां बीजेपी विधायक ने एक शख्स को व्हीलचेयर दी। व्हीलचेयर पर बैठने के बाद वह शख्स उठकर चलने लगा।
सुल्तानपुर में एक चमत्कार हो गया। यहां बीजेपी विधायक ने एक दिव्यांग को फोल्डिंग व्हीलचेयर दी। फोल्डिंग व्हीलचेयर पर बैठने के बाद वह दिव्यांग चलने लगा। मामला लंभुआ ब्लॉक का है। यहां दिव्यांगों को व्हीलचेयर दी जा रही थी। इस कार्यक्रम में लंभुआ विधायक सीताराम वर्मा भी मौजूद थे।
सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जिस दिव्यांग को विधायक ने फोल्डिंग व्हीलचेयर दिया वह व्हीलचेयर पर बैठने के बाद चलने लगा। उसे किसी सहारे की जरूरत ही नहीं पड़ी।
दरअसल, दिव्यांगजन समारोह में जिस व्यक्ति को व्हीलचेयर दी गई वह दिव्यांग था ही नहीं। वह शारीरिक रूप से एकदम से स्वस्थ था। इस दृश्य ने सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला शनिवार का है। लंभुआ तहसील में दिव्यांगजनों को ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी, कान की मशीन और अन्य सहायक उपकरण वितरित किए जा रहे थे। इसी दौरान विधायक ने एक स्वस्थ व्यक्ति को व्हीलचेयर दे दी।
इस मामले को लेकर जब एडीओ समाज कल्याण से जानकारी मांगी तो उन्होंने किसी भी तरह का स्पष्ट जवाब नहीं दिया और सवालों से बचते नजर आए। लोगों का कहना है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है।
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी मुदित श्रीवास्तव ने बताया कि विधायक सीताराम वर्मा और ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि द्वारा कुल 16 ट्राई साइकिल, 8 व्हीलचेयर, 4 बैसाखी, 1 कान की मशीन और 1 वॉकिंग स्टिक वितरित की गई। इसके अलावा शादी अनुदान योजना के तहत लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी दिए गए।
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी मुदित श्रीवास्तव ने आगे बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार विधायक द्वारा जो व्हीलचेयर दी गई। वह दिव्यांग संदीप के लिए थी। संदीप वितरण कार्यक्रम में आने से असमर्थ थे इसलिए उनके पिता को व्हीलचेयर दी गई। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल पूरे मामले की जांच चल रही है।
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