
Demand to change names: मध्य प्रदेश में एक बार फिर जगहों के नाम बदलने का मांग जोर पकड़ रही है। विधानसभा में अशोकनगर जिले के ईसागढ़ का नाम बदलकर हनुमानगढ करने का मुद्दा उठ चुका है। चंदेरी से भाजपा विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी ने विधानसभा में प्रश्न लगाकर कहा कि ईसागढ़ तहसील मुख्यालय है, जहां एक भी ईसाई नहीं रहता, फिर भी यह नाम सालों से चला आ रहा है।
विधायक ने यह भी सवाल उठाया कि ईसागढ़ का नाम कब और क्यों रखा गया? साथ ही उन्होंने कहा कि ईसागढ़ में 50 से अधिक हनुमान मंदिर हैं और वहां के रहवासी इस कस्बे का नाम हनुमानगढ़ किए जाने की मांग कर रहे हैं। विधायक ने सरकार से पूछा कि क्या इस संबंध में कोई कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रश्न पर 24 मार्च को विधानसभा में राजस्व मंत्री करणसिंह वर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि सन 1811 में जॉन बैप्टिस फिलॉस ने इस स्थान को अपने कब्जे में लेकर इसका नाम ईसागढ़ रखा था। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि नाम परिवर्तन को लेकर राजस्व विभाग के पास कोई प्रस्ताव या आधिकारिक मांग दर्ज नहीं है।
अशोकनगर जिले के ही मुंगावली का नाम बदलने की मांग भी उठी है। कांग्रेस नेता गणेश सोनी ने मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर को आवेदन सौंपा और मुंगावली का नाम ‘गणेश शंकर विद्यार्थी नगर’ करने की मांग की।
गणेश सोनी ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गणेश शंकर विद्यार्थी की प्रारंभिक शिक्षा मुंगावली में हुई थी। इसके चलते 25 फरवरी 2015 को बार परिषद मुंगावली ने तत्कालीन नगर परिषद अध्यक्ष राधा गणरा सोनी के प्रस्ताव को पारित कर मुंगावली का नाम बदलने की सहमति दी थी। हालांकि, यह मामला तब से जिला मुख्यालय पर अटका हुआ है। गणेश सोनी ने प्रशासन से इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने और मुंगावली का नाम गणेश शंकर विद्यार्थी नगर करने की मांग की है।
ईसागढ़ और मुंगावली के नाम बदलने की मांगों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जहां चंदेरी विधायक जगन्नाथ सिंह रघुवंशी ने इसे धार्मिक और ऐतिहासिक आधार पर उठाया है, वहीं कांग्रेस नेता गणेश सोनी ने इसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से जोड़ते हुए अपना पक्ष रखा है।
Updated on:
26 Mar 2025 09:48 am
Published on:
26 Mar 2025 09:38 am
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