अभी भी मलबे में दबे हैं कई मजदूर
हादसों की जांच से जुड़े अधिकारियों ने कहा है कि अभी मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। एक अन्य घटना में क्वेटा के पास मागरिट क्षेत्र में कोयला खदान ढह गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि 13 घायल हो गए। घायल खनिकों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, बचाव टीमें अभी भी लापता खनिकों की तलाश कर रही हैं। इन खदानों के मलबे में कई दर्जन मजदूरों के दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू टीमें कोशिश कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा जानें बचाई जा सकें।
हादसों की जांच से जुड़े अधिकारियों ने कहा है कि अभी मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है क्योंकि कई लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। एक अन्य घटना में क्वेटा के पास मागरिट क्षेत्र में कोयला खदान ढह गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि 13 घायल हो गए। घायल खनिकों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थानीय मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक, बचाव टीमें अभी भी लापता खनिकों की तलाश कर रही हैं। इन खदानों के मलबे में कई दर्जन मजदूरों के दबे होने की आशंका है। रेस्क्यू टीमें कोशिश कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा जानें बचाई जा सकें।
गैस धमाके से हुआ कोयला खदान में हादसा
आपदा प्रबंधन के निदेशक अताउल्लाह खान ने कहा कि बलूचिस्तान के मारवार स्थित खदान में हुए हादसे की वजह गैस ब्लास्ट है। उन्होंने बताया कि खदान में मीथेन गैस बन गई थी। मरने वाले मजदूरों में पाकिस्तान के कई अलग-अलग इलाकों से आए लोग शामिल हैं। आपको बता दें कि यहां की अधिकांश खदानें सरकारी कंपनी पाकिस्तान मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से संचालित की जाती है, वहीं कुछ का संचालन निजी ठेकेदारों के माध्यम से होता है।
आपदा प्रबंधन के निदेशक अताउल्लाह खान ने कहा कि बलूचिस्तान के मारवार स्थित खदान में हुए हादसे की वजह गैस ब्लास्ट है। उन्होंने बताया कि खदान में मीथेन गैस बन गई थी। मरने वाले मजदूरों में पाकिस्तान के कई अलग-अलग इलाकों से आए लोग शामिल हैं। आपको बता दें कि यहां की अधिकांश खदानें सरकारी कंपनी पाकिस्तान मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से संचालित की जाती है, वहीं कुछ का संचालन निजी ठेकेदारों के माध्यम से होता है।