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ट्रेन एक मिनट लेट हुई तो ड्राइवर पर लगा 36 रुपए जुर्माना, यह दलील देकर ड्राइवर ने कंपनी पर ही ठोंक दिया 14 लाख का हर्जाना, जानिए पूरा मामला

  जापान में ट्रेनें समय की पाबंदी के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। प्लेटफॉर्म पर ट्रेन जल्दी आ जाए तो कंपनी यात्रियों से लिखित में माफी मांगती है। ट्रेन अगर पांच मिनट भी लेट हो जाए तो कंपनी यात्रियों को सर्टिफिकेट देती है, जिसे वह अपने घर या आफिस में दिखा सके और डांट से बच सके।  

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Ashutosh Pathak

Nov 12, 2021

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नई दिल्ली।

जापान में एक ट्रेन ड्राइवर की वजह से एक मिनट लेट हो गई। इसके बाद ड्राइवर पर 56 येन यानी करीब 36 भारतीय रुपए का जुर्माना लगा दिया गया। बाद में ड्राइवर ने इस जुर्माने के बदले कंपनी पर 22 लाख येन यानी करीब 14 लाख रुपये का मुकदमा ठोंक दिया है।

दरअसल, इस ड्राइवर की वजह से ट्रेन एक मिनट लेट हो गई थी। ट्रेन चलने में देरी का कारण बने ड्राइवर के वेतन से 56 येन काट लिए गए थे। अब उस ड्राइवर ने कंपनी पर मुकदमा कर दिया है। इस ड्राइवर के कारण एक ट्रेन को रवानगी में एक मिनट की देर हो गई थी, जिस कारण उस पर जुर्माना लगाया गया था।

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गत वर्ष जून में ट्रेन कंपनी जेआर वेस्ट ने अपने एक ड्राइवर को देरी की वजह बनने पर जुर्माना लगाया था। उस ड्राइवर का कहना है कि पूरा अनुभव उसके लिए मानसिक तौर पर यातना देने वाला रहा।, इसलिए उसने 22 लाख येन का हर्जाना मांगा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस ड्राइवर को देश के दक्षिण में स्थित ओकायामा स्टेशन से एक खाली ट्रेन को लेकर जाना था, लेकिन वह गलत प्लेटफॉर्म पर पहुंच गया, जबकि ट्रेन उसका इंतजार दूसरे प्लैटफॉर्म पर कर रही थी। इस ड्राइवर को जब अपनी गलती का अहसास हुआ तो वह दौड़कर सही जगह पहुंचा। इस कारण पिछले ड्राइवर से काम लेने में उसे दो मिनट की देर हो गई। इससे ट्रेन एक मिनट देर से रवाना हुई और डिपो में एक मिनट देर से पहुंची।

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ट्रेन कंपनी जेआर वेस्ट ने पहले तो इस ड्राइवर पर 85 येन का जुर्माना लगाया, लेकिन ड्राइवर ने ओकायामा लेबर स्टैंडर्ड्स इंस्पेक्शन ऑफिस में शिकायत कर दी जिसके बाद कंपनी ने जुर्माना घटाकर 56 येन कर दिया। स्वीकार नहीं जुर्माना ड्राइवर ने जुर्माना कटौती का यह फैसला स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

उसका कहना है कि ट्रेन की रवानगी में देरी का आम यातायात पर कोई असर नहीं पड़ा और ट्रेन खाली थी तो किसी यात्री को भी नुकसान नहीं हुआ। उधर कंपनी का कहना है कि उसने ‘काम नहीं, वेतन नहीं' नीति के तहत फैसला किया है जो बिना बताए काम से गैरहाजिर रहने के लिए है।

उस एक मिनट के दौरान कोई काम नहीं हुआ तो ड्राइवर को जुर्माना लगाया गया। ड्राइवर ने मार्च में ओकयामा जिला न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया था जहां वह अब हर्जाना मांग रहा है। जापान की रेलें समय की पाबंदी के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। समय की पाबंदी का आलम यह है 2017 में एक ट्रेन 20 सेकंड जल्दी आ गई थी तो कंपनी ने लिखित में ग्राहकों से माफी मांगी थी। नियम है कि ट्रेन पांच मिनट लेट हो जाए तो सवारियों को सर्टिफिकेट मिलता है जिसे वे दफ्तर में अपने लेट होने के सबूत के तौर पर दिखा सकते हैं।