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इमरान खान ने PM मोदी को पत्र लिखकर बातचीत का दिया न्योता, मुद्दों का शांतिपूर्ण हल निकालने की वकालत

जम्मू और कश्मीर के विवाद के हल पर जोर दिया कुरैशी ने नए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी एक पत्र लिखा शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में मुलाकात संभव नहीं

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पाक पीएम इमरान खान ने नरेंद्र मोदी को लिखा पत्र, मुद्दों का शांतिपूर्ण हल निकालने की वकालत

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आम चुनाव में दूसरी जीत के बाद पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने शुक्रवार को एक बधाई संदेश भेजा है। इसमें उन्होंने दक्षिण एशिया में टिकाऊ शांति और स्थिरता पर काम करने और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान की वकालत की है। खासकर जम्मू और कश्मीर के विवाद के हल पर जोर दिया है। ये पत्र राजनयिक चैनलों के माध्यम से आया है।

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सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने नए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी एक पत्र लिखा है, जहां उन्होंने जीत की बधाई दी और खान के समान विचार रखे। सूत्रों ने कहा कि कुरैशी का पत्र इस सप्ताह की शुरुआत में भी आया था।

26 मई को उनके बीच फोन पर बातचीत हुई

हालांकि, एक दिन पहले ही भारत ने साफ कह दिया था कि बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर दोनों नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी। पत्र से पहले 23 मई को दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच ट्वीट के माध्यम से बात हुई थी। इसके बाद 26 मई को उनके बीच फोन पर बातचीत हुई।

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गौरतलब है 13 और 14 जून को शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन की बैठक किर्गिज़ गणराज्य की राजधानी बिश्केक में होने वाली है। पाकिस्तान को आशा थी कि इस बैठक के बहाने दोनों देशों के बीच अहम मुद्दों पर बातचीत हो सकेगी। मगर विदेश मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया कि दोनों के बीच कोई भी बैठक की योजना नहीं बनाई जा रही है।

पहले भी कई बार बातचीत की कोशिश

पुलवामा हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तल्ख रिश्ते देखे गए है। इसके बाद भारत ने पाक स्थित बालाकोट में एयरस्ट्राइक की जिससे रिश्तों में कड़वाहट बढ़ गई । इसके बाद से पाकिस्तान घबरा गया है। वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने अपमानित महसूस कर रहा है। उस पर दबाव है कि वह भारत से बातचीत कर समस्याओं का हल निकाले। मगर भारत अपने रूख पर कायम है।पीएम मोदी ने अपने शपथग्रहण समारोह में पाक पीएम इमरान खान को न्योता नहीं दिया। उन्होंने बिम्सटेक देशों को बुलाना मुनासिब समझा। इमरान खान और विदेश शाह महमूद कुरैशी पहले भी कई बार बातचीत की कोशिश कर चुके हैं। मगर सीमा पर शांति न होने की वजह से बातचीत टाल दी गई।

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