
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 42 दिन बाद एक बार फिर से चीन के दौरे पर जा रहे हैं।शनिवार को पीएम मोदी चीन के किंगडाओ शहर में होने वाले दो दिन के शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा है कि वह देश के शंघाई सहयोग संगठन के पूर्ण सदस्य के तौर पर बैठक में शामिल होने को लेकर रोमांचित हैं।
क्या कहा पीएम मोदी ने
फेसबुक के जरिये अपनी बात रखते हुए पीएम ने कहा कि मैं मानता हूँ कि चिंगदाओ शिखर सम्मेलन से एससीओ सदस्य देशों का एजेंडा और समृद्ध होगा और एससीओ के साथ भारत के सम्पर्क की एक नई शुरुआत होगी। पीएम ने कहा कि भारत की एससीओ के सदस्य देशों के साथ गहरी मित्रता और बहुआयामी संबंध हैं। एससीओ शिखर सम्मेलन के इतर मुझे अन्य कई नेताओं के साथ मुलाकात करने और विचार साझा करने का मौका मिलेगा जिनमें एससीओ के सदस्य देशों के कई राष्ट्र प्रमुख हैं।
महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन है एससीओ
बता दें कि भारत शंघाई सहयोग संगठन का हाल ही में पूर्णकालिक सदस्य बना है। 2001 में स्थापित इस संगठन में वर्तमान में आठ सदस्य हैं जिनमें भारत, कजाखिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान सम्मलित हैं। भारत और पाकिस्तान को पिछले वर्ष ही एससीओ में शामिल किया गया था।पूर्ण सदस्य के तौर पर भारत के लिए यह पहला एससीओ शिखर सम्मेलन होगा। अपनी इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी एससीओ देशों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे और उनके साथ विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होंगी जिनमें आतंकवाद, द्विपक्षीय संपर्क और सहयोग को बढ़ावा देना, वाणिज्य, सीमा शुल्क, विधि, स्वास्थ्य, आपसी व्यापार, पर्यावरण संरक्षण, आपदा जोखिम कम करना और लोगों के बीच संबंध को मजबूती प्रदान करना शामिल है।
क्या होगा पीएम का कार्यक्रम
किंगडाओ में पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी समेत एससीओ सदस्य देशों के अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे। इस बैठक में एससीओ सदस्यों का जोर सुरक्षा, सहयोग, आतंकवाद विरोध, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक विनिमय के क्षेत्रों पर रहेगा। साल 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी की यह पांचवीं चीन यात्रा होगी। इससे पहले पीएम मोदी ने चीन के वुहान में 27 और 28 अप्रैल को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लिया था। शनिवार को शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद वह फिर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे।
कई देशों के प्रमुख हो रहे हैं शामिल
भारत, रूस और चीन के अलावा इस सम्मेलन में पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन, ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी की उपस्थिति प्रमुख होगी। बता दें कि चीन ने ईरान को इस फोरम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। मंगोलिया, अफगानिस्तान और बेलारूस के साथ ईरान को शिखर सम्मेलन में पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया है।
Published on:
09 Jun 2018 07:51 am
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