
corona new variant 2022
कोरोना से पिछले करीब तीन साल से जुझ रही दुनिया को जहां चंद दिनों के लिए हल्की सी राहत का अहसास हुआ था, वहीं एक बार फिर कोरोना (COVID-19) आने की संभावना केवल ज्योतिष के जानकारों की ओर से ही नहीं बल्कि वैज्ञानिकों की ओर से भी बताई जा रही है। वहीं ज्योतिष के जानकार के अनुसार इसकी शुरुआत का सबसे पहले असर मार्च 2022 के अंत तक या मध्य में देखने को मिलेगा।
दरअसल ज्योतिष के जानकारों की ओर से पहले ही 2022 में कोरोना (COVID-19) के एक नए वेरिएंट की बात कही जा चुकी थी, लेकिन धीरे धीरे कमजोर पड़ रहे कोरोना को लेकर इस ओर ध्यान लोगों द्वारा कम ही दिया गया।
ऐसे में जहां कहा जा रहा है कि Omicron BA.2 पहले से पहचाने गए BA.1 सबवेरिएंट की तुलना में अधिक पारगम्य है, लेकिन इसके द्वारा एक बड़ी उछाल का कारण बनने की संभावना कम ही है।
वहीं ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि मार्च 2022 तक ओमिक्रॉन की लहर बने रहने के बाद कोरोना (COVID-19) की अगली लहर अगले अगस्त 2022 के आसपास देश में आने की संभावना है, जिसका कारण एक नया कोरोनोवायरस संस्करण हो सकता है।
ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि जहां साल 2022 के कालसर्प योग की गिरफ्त में होने के चलते इस 2022 पर राहु और केतु का विशेष असर देखने को मिलेगा। वहीं राहु केतु ही संक्रमण का कारण बनने के साथ ही छुपी बीमारी को तेजी से फैलाने का कार्य करते हैं।
ऐसे में यह साल लोगों को लगातार रोगों से ग्रस्त करता दिख रहा है, इस साल पर अपने वर्चस्व के चलते राहु और केतु (गुप्त और रहस्यमयी बीमारी फैलाने वाले ग्रह) दोनों ही 2022 में कोरोना (COVID-19) को शक्ति देते दिख रहे हैं।
जानें कब कब का समय रह सकता है घातक
: ज्योतिष के अनुसार देवगुरु बृहस्पति 12 अप्रैल 2022 को स्वराशि मीन राशि में गोचर करेंगे। ऐसे में ज्योतिष के जानकार एके शुक्ला का कहना है कि इसके बाद कोरोना (COVID-19) की स्थिति में सुधार की शुरुआत हो सकती है। जबकि इससे पहले मार्च—अप्रैल 2022 तक यह अपने पीक पर पहुंच सकता है।
: वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार इससे पूर्व 23 फरवरी 2022 से देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने के कारण यह अवधि कोरोना फैलाव के लिए आदर्श समय बन सकती है। इसके बाद 27 मार्च 2022 को देवगुरु बृहस्पति पुन: उदय होने के बाद कोरोना को धीरे धीरे सामान्य स्थिति में लाएंगे।
: इसके अलावा 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में देवगुरु बृहस्पति के वक्री होने से पुन: कोरोना की वापसी आ सकता है।
जबकि बृहस्पति के दोबारा से 24 नवंबर 2022 को मार्गी हो होने के बाद कोरोना धीरे धीरे पुन: शांत होने की स्थिति में आ जाएगा। लेकिन इस शांत स्थिति के दौरान भी ये कभी कभी अपना प्रभाव सामने लाता रहेगा।
हां यहां ये स्थिति जान लें कि राहु के लगातार बदलाव की स्थिति में मुमकिन है कि कोरोना को लेकर कोई विशेष दवा की खोज भी की जा सकती है। जिसके चलते कोरोना काफी कमजोर स्थिति में आ सकता है, लेकिन इस दवा की खोज होने के बाद भी इससे सब तक पहुंचाने में करीब 1 साल का समय लगता दिख रहा है। जिसके चलते 2022 में कोरोना के अपना असर दिखाने की संभावनाएं बढ़ती दिख रही हैं।
ज्योतिष के जानकार एके शुक्ला के अनुसार जुलाई 2022 या उसके बाद आने वाले कोरोना (COVID-19) के वेरिएंट भी ओमिक्रॉन की तरह वैक्सीन प्रतिरक्षा गुण दिखा सकते हैं। ज्योतिष के जानकार मानते है कि ओमाइक्रोन ने दिखाया कि वैक्सीन प्रतिरक्षा को भी वेरिएंट द्वारा आसानी से पार किया जा सकता है और भविष्य में इस प्रवृत्ति की उम्मीद है कि नए वेरिएंट भी आएंगे।
BA.1 और BA.2 दोनों में प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता है, जिसका अर्थ है कि यदि आप स्वाभाविक रूप से संक्रमित हैं, या यदि आपको टीका लगाया गया है या दोनों भी हैं, तो भी यह वायरस हमें संक्रमित कर सकता है।
ज्योतिष के जानकारों सहित वैज्ञानिकों का भी ये मानना है कि ध्यान देने वाली बात यह है कि वर्तमान में अभी हम ओमाइक्रोन के निम्न चरण में हैं। हालांकि, हमें यह भी याद रखना चाहिए कि यह वायरस हमारे आसपास ही है, ऐसे में हमें इसे संक्रमित करने या इससे संक्रमित होने से बचने का प्रयास करना चाहिए।
एक और COVID उछाल का कारण?
कोरोना के एक और उछाल की संभावना पर जानकारों की ओर से कहा जा रहा है Omicron BA.2 उन लोगों को संक्रमित नहीं कर सकता, जिनके पास पहले COVID-19 का BA.1 उप-संस्करण था।
वहीं ज्योतिष के जानकारों के अनुसार ग्रहों की दशाएं ये संकेत दे रही हैं, कि कुछ शुरुआती कठिनाइयों के बाद यह एक और उछाल लाता नहीं दिख रहा है। ग्रह जो इशारा कर रहे हैं उनके अनुसार बीए.2 कोई नया वायरस या स्ट्रेन न होते हुए ओमाइक्रोन का ही एक उप-वंश है।
Published on:
22 Feb 2022 01:08 pm
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