
ट्रैफिक पुलिस
नई दिल्ली: कई बार ट्रैफिक सिग्नल ( Traffic Signal ) या किसी हाइवे पर बाइक्स और कार की चेकिंग के दौरान ट्रैफिक पुलिस आप से गलत बर्ताव करती हैं। ज्यादातर लोगों को अपने अधिकारों के बारे में पता ही नहीं होता है। कई बार तो नौबत मारपीट की आ जाती है। ऐसे में आज हम आपके उन अधिकारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में शायद आप भी नहीं जानते होंगे।
कई बार आपने देखा होगा कि Traffic Police वाले आपकी कार या बाइक की चाबी निकाल लेते हैं, जबकि ट्रैफिक पुलिस के पास चाबी निकालने का कोई भी अधिकार नहीं है। कई बार ट्रैफिक पुलिस वाले आपके वाहन के टायर्स की हवा भी निकाल देते हैं। ये भी करना पूरी तरह से गलत है। अगर कोई ट्रैफिक पुलिस वाला ऐसा करता हुआ पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
कई बार ट्रैफिक पुलिस वाले लोगों से क़ानून के नाम पर बदसलूकी करते हैं, साथ ही साथ उनसे गाली- गलौच और मारपीट भी कर लेते हैं। ऐसे में आप इसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं क्योंकि पुलिसकर्मी को किसी वाहन चालक से बदसलूकी या मारपीट करने या गाली देने का कोई अधिकार नहीं है।
यदि उच्चाधिकारी भी ट्रैफिक पुलिस से मिले हुए हैं, वो लीपापोती की कोशिश करते हैं तो केस हाईकोर्ट ले जाइए। यदि आप गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल हैं, महिला या विकलांग हैं तो आपको मुफ्त कानूनी सहायता मिलेगी। इसकी मदद से पुलिसकर्मी के खिलाफ अपने नागरिक और मानव अधिकार के हनन का केस डालिए। उम्मीद है कि पुलिसकर्मी सस्पेंड होगा और उसे बचाने वाले उच्चाधिकारियों से भी जवाब तलब किया जाएगा। पुलिसकर्मी हमेशा ध्यान रखें कि उन्हें मोटर व्हीकल एक्ट ( Motor Vehicle Act ) गुंडागर्दी करने का अधिकार नहीं देता। वो सिर्फ चालान काट सकते हैं और गाड़ी जब्त कर सकते हैं।
पुलिसकर्मी हाथ से इशारा कर के वाहन रुकवा सकता है, चेक कर सकता है, अगर किसी चालक पुलिसकर्मी द्वारा दिए गए इशारे पर चालक अपना वाहन नहीं रोकता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई का अधिकार है। लेकिन पुलिसकर्मी किसी व्यक्ति को न तो गाली दे सकता है और न मारपीट कर सकता है। पुलिसकर्मी को वाहन के प्रदूषण स्तर का सर्टिफिकेट ( PUC ) चेक करने का अधिकार है।
Published on:
29 Feb 2020 11:25 am
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