
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 10 करोड़ से अधिक खर्च, करोड़ों राम भक्त बने साक्षी (फोटो सोर्स : Whatsapp)
Ayodhya Ramleela 2025: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इस वर्ष की भव्य रामलीला केवल भारत तक सीमित नहीं रही, बल्कि विश्वव्यापी सांस्कृतिक उत्सव बन गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष प्रयासों और मार्गदर्शन से आयोजित इस रामलीला को 62 करोड़ से अधिक राम भक्तों ने विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म और टीवी चैनलों पर देखा। कोरोना काल में शुरू हुई डिजिटल रामलीला अब विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन बन चुकी है। 50 देशों से अधिक में ऑनलाइन प्रसारित हुई इस रामलीला ने भारत की संस्कृति और अध्यात्म को नए आयाम दिए।
इस रामलीला को विशेष स्वरूप देने के लिए दिल्ली और मुंबई से 250 से अधिक फिल्मी और टीवी कलाकार शामिल हुए। मंचन में थ्री-डी तकनीक, आधुनिक लाइटिंग और आकर्षक मंच सज्जा का उपयोग किया गया, जिससे दर्शकों को बिल्कुल जीवंत अनुभव प्राप्त हुआ।
इसके अलावा मनोज तिवारी, रवि किशन, राकेश बेदी, रजा मुराद, अशरानी, अवतार गिल, रितु शिवपुरी, शीबा और अरुण बक्शी जैसे कलाकारों ने भी अपनी दमदार मौजूदगी से आयोजन को यादगार बनाया।
रामलीला को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाने के लिए केवल लाइव प्रसारण पर ही 10 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया। यह प्रसारण आराधना टाटा प्ले, शेमारू मी, VI ऐप, एयरटेल, शेमारू भक्ति यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेजों और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हुआ।
अयोध्या की रामलीला हर साल नई ऊंचाइयां छू रही है।
इन आंकड़ों से साफ है कि इस आयोजन की लोकप्रियता साल-दर-साल बढ़ रही है।
इस डिजिटल क्रांति का सपना उत्तर प्रदेश सरकार और संस्कृति मंत्रालय के प्रयासों से ही साकार हो सका। वर्ष 2020 में रामलीला की शुरुआत पूर्व पर्यटन व संस्कृति मंत्री नीलकंठ तिवारी ने की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे वैश्विक स्तर तक ले जाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रामलीला समिति के संस्थापक सुभाष मलिक और शुभम मलिक ने इस आयोजन को आधुनिक तकनीक और डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़कर इसे नई पहचान दिलाई।
रामलीला का प्रसारण भारत, नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, रूस, ब्राज़ील समेत 50 से अधिक देशों में हुआ। इससे अयोध्या ने खुद को विश्व की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्थापित किया और रामभक्ति का संदेश वैश्विक स्तर तक पहुँचा।
इस वर्ष की रामलीला का आकर्षण तब और बढ़ गया जब मिस यूनिवर्स 2024 और 2025 ने इसमें विशेष प्रस्तुति दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल की तरह इस बार भी चिट्ठी लिखकर अयोध्या की रामलीला समिति को आशीर्वाद और शुभकामनाएँ भेजी। इससे आयोजन की गरिमा और पवित्रता और भी बढ़ गई।
अयोध्या की रामलीला ने साबित किया कि श्री राम की कथा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि विश्व को जोड़ने वाला सांस्कृतिक सेतु है। डिजिटल तकनीक और योगी सरकार के सहयोग ने इस आयोजन को विश्व स्तर पर पहुँचा दिया। आज अयोध्या केवल भारत की नहीं बल्कि पूरी दुनिया की आध्यात्मिक धरोहर बन चुकी है।
Published on:
04 Oct 2025 09:06 am
बड़ी खबरें
View Allअयोध्या
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
