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ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा आईआईसीएफ

locationअयोध्याPublished: May 11, 2022 06:12:42 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ज्ञानवापी मस्जिद में की जा रही वीडियोग्राफी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। आईआईसीएफ का कहना है सर्र्वे का कार्य पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का स्पष्ट उल्लंघन है।

Gyanwapi Maszid

Gyanwapi Maszid File Photo

इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ज्ञानवापी मस्जिद में की जा रही वीडियोग्राफी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। आईआईसीएफ का कहना है सर्र्वे का कार्य पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का स्पष्ट उल्लंघन है। इस एक्ट में कहा गया है कि एक धार्मिक स्थान उसी चरित्र को बनाए रखेगा जैसा 15 अगस्त 1947 को था।
आईआईसीएफ के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि हम अयोध्या के फैसले को लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगे। हम पूजा स्थल अधिनियम, 1991 को लागू करने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा, अयोध्या में राम जन्मभूमि के अलावा भारत में किसी भी पूजा स्थल की स्थिति को चुनौती देने वाली कोई भी अदालत सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर, 2019 के फैसले का उल्लंघन करती है।
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ज्ञानवापी मामले में अभद्र टिप्पणी, प्रोफेसर पर मामला दर्ज

उधर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रविकांत पर ज्ञानवापी मामले में अभद्र टिप्पणी का आरोप लगा है। इस संबंध में एबीवीपी के छात्रों ने कैंपस में प्रोफेसर के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और उनकी बर्खास्तगी की मांग की। साथ ही मामले में हसनगंज थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग प्रोफेसर रविकांत चंदन यू-ट्यूब पर एक सोशल डिबेट में अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उनपर धार्मिक भावना को आहत करने वाला बयान देने का आरोप लगा है। हालांकि प्रोफेसर का कहना है कि उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में हुई चर्चा में एक पुस्तक में लिखी बातों का जिक्र किया था।
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सुनवाई पूरी,12 मई को आएगा फैसला
वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर विवाद मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में बुधवार को लगातार तीसरे दिन हुई। सभी पक्षों को सुनने के बाद सिविल जज ने फैसला सुरक्षित रख लिया। अब 12 मई को दोपहर 12 बजे फैसला आने की उम्मीद है।
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प्रतिवादी पक्ष का तर्क था निरर्थक

वादी पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि कोर्ट में प्रतिवादी पक्ष का तर्क पूरी तरह से निरर्थक है। कमीशन चल रहा उसे बाधित कैसे किया जा सकता है। प्रतिवादी उसी पर अड़े हैं।
वादी के सभी मसलों पर जवाब दाखिल

प्रतिवादी पक्ष के वकील का कहना था कि बुधवार को 61 ग पर सुनवाई हुई। सभी पक्ष की दलीलें पूरी हो गई हैं, वादी के सभी प्रार्थना पत्र का जवाब दाखिल कर दिया गया। अब फाइल के साथ देखने के बाद कल फैसला आएगा। कोर्ट कमिश्नर को बदलने के मुद्दे पर मंगवार को ही सुनवाई हो गई थी उस पर आज कोई सुनवाई नहीं हुई।

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