
Phalodi Satta Bazar latest news: अयोध्या की मिल्कीपुर सीट भाजपा और सपा के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में मिल्कीपुर से विधायक रहे अवधेश प्रसाद फैजाबाद से जीत गए थे। इस वजह से ये सीट खाली हो गई थी। 5 फरवरी को मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई। 8 फरवरी को फैसला हो जाएगा कि मिल्कीपुर की विधानसभा सीट से कौन सा नेता जीतकर विधानसभा में पहुंचेगा। इसी बीच फलोदी सट्टा बाजार ने हार-जीत को लेकर भविष्यवाणी की है।
मिल्कीपुर सीट की बात करें तो वर्ष 2009 के बाद से यह सुरक्षित सीट है। लेकिन बीएसपी इस चुनाव से बाहर है। बीएसपी ने किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं किया है। वहीं, कांग्रेस ने सपा को समर्थन दिया है। इसके बावजूद मिल्कीपुर में सपा और भाजपा में कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। दरअसल ,चंद्रशेखर आजाद ने मिल्कीपुर में सूरज चौधरी को उम्मीदवार बनाकर सपा का खेल बिगाड़ दिया है।
सूरज चौधरी सपा नेता अवधेश प्रसाद के करीबी रहे हैं। पहले सपा के बड़े चेहरों में शामिल थे, लेकिन हाल ही में सपा छोड़कर चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के साथ जुड़ गए थे। वह समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकते हैं।
हालांकि, अगर मुकाबला समाजवादी पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण है, तो बीजेपी के लिए भी आसान नहीं है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, भाजपा के चंद्रभानु पासवान के नामांकन के वक्त जुलूस जैसा माहौल था। लेकिन उनके मंच पर बीजेपी के स्थानीय नेता नदारद थे। मिल्कीपुर से टिकट मांगने वाले पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ, राधेश्याम समेत कई नेता मंच पर नहीं पहुंचे थे। फलोदी सट्टा बाजान की मानें तो इन नेताओं की नाराजगी भाजपा को नुकसान पहुंचा सकती है।
मिल्कीपुर सीट की बात करें तो यह परंपरागत रूप से सपा का गढ़ रही है। मिल्कीपुर सीट के लिए हुए पांच चुनावों में महज एक बार ही बीजेपी ने जीत हासिल की है। चार बार उसे हार का सामना करना पड़ा है। इसका फायदा सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद को मिल सकता है।
अगर मिल्कीपुर उपचुनाव में वोटरों की बात करें तो 3 लाख 70 हज़ार 829 मतदाता हैं। पुरुष मतदाता 1 लाख 92 हजार 984 और महिला मतदाता 1 लाख 77 हजार 838 हैं। इसमें से 1 लाख, 60 हजार दलित मतदाता हैं।
मिल्कीपुर के माहौल की बात करें तो यहां पासी वोट बैंक काफी निर्णायक है, लेकिन बिखराव होता दिख रहा है। भाजपा ब्राहम्ण, ठाकुर, ओबीसी और गैर पासी वोट बैंक को अपना कोर वोटर बता रही है। इसीलिए मायावती का वोट बैंक यहां जीत-हार तय करेगा।
Updated on:
07 Feb 2025 07:44 am
Published on:
05 Feb 2025 06:49 pm
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