कश्यप अवस्थी/प्रवीण भार्गवरामपुरा-डाबड़ी (जयपुर). जिले का एक स्कूल ऐसा भी है, जो चोरों की पसंद बन चुका है। चौमूं थाना इलाके के रामपुरा-डाबड़ी गांव के राजकीय विधालय में पिछले 20 माह में एक-दो नहीं बल्कि छह बार चोरियां हो चुकी हैं। हर बार चोरों ने स्कूल की कम्प्यूटर लैब को निशाना बनाया और लाखों रुपए का सामान ले गए। बड़ी बात यह है कि चोरों ने एक बार तीन दिन में ही दो बार वारदात को अंजाम दिया। लेकिन पुलिस अब तक ‘खाली हाथ’ है। पुलिस व स्कूल प्रशासन को धता बताकर चोर वारदात कर रहे हैं वहीं पुलिस हर वारदात के बाद मौका मुआयना और रिपोर्ट दर्ज की रस्म अदायगी कर चली जाती है। करीब दो साल में पुलिस को चोरों का सुराग नहीं लग पाया। घटनाओं में विधालय प्रशासन की लापरवाही व पुलिस की नाकामी साफ झलक रही है।
कब-कब चोरों ने दिखाए हाथपहली घटना – 17 अगस्त 2016
दूसरी घटना – 19 अगस्त 2016
तीसरी घटना – 08 अगस्त 2017
चौथी घटना – 28 अगस्त 2017
पांचवी घटना – 18 सितंबर 2017
छठी घटना – 02 अक्टूबर 2017
यूं चला वारदातों का सिलसिला* 17 अगस्त 2016 को स्कूल के ताले टूटे और सामान चोरी।
* 19 अगस्त 2016 को कार्यालय व लैब के ताले तोड़कर भाग छूटे।
* 08 अगस्त 2017 को सीसीटीवी कैमरे, सौर ऊर्जा प्लेट व सीपीयू तोडऩे के साथ अक्षय पेटिका से 3 हजार रुपए चोरी।
* 28 अगस्त 2017 को कम्प्यूटर लैब का ताला तोड़कर 5 एलईडी, 5 मॉनिटर, 3 की-बोर्ड, 3 माउस चोरी।
* 18 सितंबर 2017 को कम्प्यूटर लैब का ताला तोड़कर सीपीयू व अन्य सामान को चोरी कर ले गए।
* 02 अक्टूबर 2017 कम्प्यूटर लैब के ताले टूटे एलईडी व अन्य सामान चोरी कर ले गए।
इनका कहना हैविधालय की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। इसके लिए विधालय प्रशासन जिम्मेदार है। वहीं पुलिस प्रशासन भी घटनाओं को लेकर गंभीर दिखाई नहीं दे रहा। छह बार चोरियों हुई लेकिन खुलासा एक का भी नहीं हुआ।
मालीराम शर्मा, स्थानीय सरपंच विधालय में चार चतुर्थ श्रेणी केे कर्मचारी के पद स्वीकृत हैं। लेकिन लंबे समय से रिक्त हैं। चौकीदार का पद शिक्षा विभाग द्वारा ही स्वीकृत किया जा सकता है। हमने विभाग को कई बार लिखित में अवगत करा दिया, लेकिन
ध्यान नहीं दिया गया।
राधेश्याम शर्मा, प्रधानाचार्य, राआउमावि. रामपुरा-डाबड़ीविधालय में चौकीदार के अभाव में चोरियों की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। पुलिस जांच में जुटी हुई है। फिर भी विधालय स्तर पर विभागीय व्यवस्था को सुधारना चाहिए, जिससे ऐसी घटनाएं नहीं हों।
जितेन्द्र सिंह सोलंकी, चौमूं थाना प्रभारी