
बहराइच हिंसा : रामगोपाल की हत्या के दोषी को फांसी की सजा, PC-X
बहराइच : यूपी में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान बहराइच में हिंसा हुई थी। इस मामले में कोर्ट ने आज दोषियों को सजा सुनाई। कोर्ट ने दोषी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई। इसके साथ ही उसके पिता, दो भाइयों समेत 9 को उम्रकैद की सजा सुनाई। कड़ी सुरक्षा में सभी आरोपियों को कोर्ट लाया गया। मामले में कोर्ट ने 9 दिसंबर को कुल 13 अभियुक्तों में से 10 को दोषी करार दिया था।
बहराइच के महाराजगंज बाजार क्षेत्र में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा विसर्जन जुलूस निकल रहा था। इस दौरान रामगोपाल मिश्रा ने एक इमारत पर भगवा झंडा लगाने की कोशिश की, जिस पर विवाद हो गया। आरोपियों ने गोली मारकर रामगोपाल की हत्या कर दी। इस घटना ने सांप्रदायिक हिंसा को भड़का दिया। इलाके में आगजनी, पथराव और तोड़फोड़ की कई घटनाएं हुईं।
हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद पीड़ित परिवार से मुलाकात की और कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते हुए नामजद आरोपियों समेत बड़ी संख्या में लोगों को गिरफ्तार किया। कई पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लगाया गया।
पुलिस ने कुल 13 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने निम्नलिखित 10 आरोपियों को दोषी करार दिया। अब्दुल हमीद, फहीम, सरफराज उर्फ रिंकू, मोहम्मद तालिब उर्फ सबलू, सैफ अली, जावेद खान, मोहम्मद जीशान उर्फ राज उर्फ साहिर, शोएब खान, ननकऊ, मारूफ को दोषी ठहराया था। वहीं, खुर्शीद, शकील अहमद उर्फ बबलू और मोहम्मद अफजल उर्फ कल्लू को सबूतों के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।
फैसले के बाद रामगोपाल के पिता ने अदालत और न्यायपालिका का आभार जताया। उन्होंने कहा, 'हमें न्याय की उम्मीद थी और आज अदालत ने वह दिखाया। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।' मृतक की पत्नी रोली और मां ने सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की। मां ने रोते हुए कहा, 'मेरे बेटे का पूरा शरीर छलनी कर दिया। नाक, गर्दन, सिर-हर जगह मारा।' हमारा पूरा घर बर्बाद हो गया।
Updated on:
11 Dec 2025 08:39 pm
Published on:
11 Dec 2025 05:58 pm
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