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78 साल पुराने आदर्श बालक शाला भवन की बदलेगी सूरत, यहां चलेगा आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल

78 साल पुराने शासकीय आदर्श बालक स्कूल भवन की सूरत बदलने वाली है। सरकार ने यहां स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम उच्चतर माध्यमिक स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है।

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78 साल पुराने आदर्श बालक शाला भवन की बदलेगी सूरत, यहां चलेगा आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल

78 साल पुराना आदर्श बालक शाला भवन में किया जा रहा संधारण कार्य एवं रंगरोगन।

बालोद. जिला मुख्यालय के 78 साल पुराने शासकीय आदर्श बालक स्कूल भवन की सूरत बदलने वाली है। सरकार ने यहां स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम उच्चतर माध्यमिक स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। जानकारों के मुताबिक साल 1944 में अंग्रेज जमाने में इस स्कूल का निर्माण हुआ। बालोद जिले का यह पहला सरकारी स्कूल है। यहां स्वामी आत्मानंद स्कूल में बालक व बालिका एक साथ पढ़ाई करेंगे। वहीं वर्तमान में यहां पढऩे वाले वाले बच्चे कहां जाएंगे, इस पर किसी भी प्रकार से निर्णय नहीं लिया गया है। इधर स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि आदर्श स्कूल में पढ़ाई दो सत्र में कराई जाए। एक पाली में स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम में पढ़ाई व दूसरे सत्र में आदर्श स्कूल के विद्यार्थियों की पढ़ाई कराई जाए। स्कूल को बदलना नहीं चाहिए।

संख्या को देखते हुए बनाने होंगे अतिरिक्त कमरे
आदर्श शाला के पीछे भाग में दो मंजिला स्कूल भवन का निर्माण किया गया है। वहीं सामने का हिस्सा काफी पुराना है। जर्जर होते इस भवन की भी मरम्मत की जरूरत है। जानकारों का कहना है कि स्कूल में अभी और कार्य होने हैं। स्कूल के सामने का हिस्से का भी जीर्णोद्धार कर दो मंजिला स्कूल बना देना चाहिए।

दानदाताओं के सहयोग से बना था स्कूल
शासकीय आदर्श बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का निर्माण भी दानदाताओं के सहयोग से हुआ था। समय के साथ इसकी सूरत बदलती रही। स्कूल निर्माण के लगभग 10 से अधिक वर्षों से बालक-बालिका एक साथ पढ़ाई करते थे। बाद में बालक आदर्श स्कूल अलग व कन्या आदर्श स्कूल अलग बनाया गया।

शिक्षा अधिकारी ने कहा-तैयारी चल रही
जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास कुमार बघेल ने बताया कि स्कूल में अभी तैयारी चल रही है। जल्द तैयारी पूर्ण कर जून से स्वामी आत्मानन्द हिंदी माध्यम के तहत पढ़ाई कराने की तैयारी है।

शिक्षकों की मांग, बंद न करें आदर्श स्कूल
शासकीय आदर्श शाला को स्वामी आत्मानंद स्कूल बनाने के मामले में स्कूल के शिक्षकों ने शिक्षा विभाग को लिखित सुझाव दिया है। स्कूल का संचालन दो पालियों में किया जा रहा है। शिक्षक मधुकांत यदु ने बताया कि कक्षा 6वीं से 8वीं तक कुल 50 बच्चे एवं 5 शिक्षकों के साथ शाला का समय सुबह प्रथम पाली 7:30 से 11:30 तक और कक्षा 9वीं से 12वीं तक कुल 532 बच्चे एवं 28 शिक्षकीय स्टाफ एवं 8 गैर शिक्षकीय स्टाफ के साथ 2 स्वीपर के साथ वेतन आहरण के लिए 7 लिंक शाला (हाई/हायर सेकंडरी) का संचालन किया जा रहा है। शासन की योजना अनुसार शिक्षा सत्र 2022 से पूर्व में संचालित इस हिन्दी माध्यम शाला को पूर्णत: बंद कर स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम शाला प्रारंभ की जानी है। जिसकी तैयारी शासन स्तर पर की जा चुकी है। नवीन संरचना से पूर्व में अध्ययनरत बच्चों को वर्तमान शाला से अन्यत्र शाला में समायोजित किया जाएगा। समस्त शिक्षकीय गैर शिक्षकीय स्टाफ को भी जिले के विभिन्न शालाओं में समायोजित किया जाएगा, जिससे बच्चों के साथ समस्त स्टाफ को भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

सुबह आदर्श स्कूल और दोपहर में स्वामी आत्मानंद स्कूल का हो संचालन
इस वजह से वर्तमान शाला को बंद न कर सुबह प्रथम पाली में 7:30 से 11:30 तक समस्त कक्षा 6वीं से 12वीं तक संचालित किया जाए। दोपहर द्वितीय पाली में समय 12 बजे से 5 बजे तक स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम का संचालन किया जाए। जिससे पूर्व में अध्ययनरत बच्चों के साथ समस्त शिक्षकीय एवं गैर शिक्षकीय स्टाफ को भी अन्यत्र भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।