
CG News: नशे में धुत ट्रेलर चालक ने 14 गौवंशों को रौंदा, 10 की मौत... आरोपी गिरफ्तार(photo-patrika)
CG News: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में सड़कों पर मवेशियों को खुला छोड़ने वाले पशु मालिकों पर एफआईआर की शुरुआत प्रदेश के कई जिलों में हो चुकी है। मगर बालोद जिले सहित जिला मुख्यालय में ऐसे पशु मालिकों पर एफआईआर की बात केवल हवा-हवाई नजर आ रही है। जिले में अब तक पशु मालिकों पर एफआईआर का खाता तक नहीं खुला है। इससे अब भी शहरी क्षेत्रों की सड़कों पर मवेशीराज कायम है।
पत्रिका की टीम ने गुरुवार को जिला मुख्यालय की मुख्य सड़कों का जायजा लिया, जिसमें हर सड़क पर आवारा मवेशी नजर आ रहे थे। चाहे वह नेशनल हाइवे हो या फिर पाररास मार्ग, कचहरी चौक या नयापारा मार्ग। हर मार्ग में आवारा मवेशी बीच सड़क पर बैठे मिले।
हर बार की तरह वाहन चालक इससे बचते-बचाते वाहन निकालते नजर आए। लेकिन ऐसे पशु मालिकों पर एफआईआर तो दूर, मवेशियों को सड़कों से हटाने तक का प्रयास नहीं हो रहा। ढिलाई पूर्वक कार्रवाई से न तो सड़कों से आवारा मवेशी गायब हो रहे हैं और न ही पशु मालिकों में कोई डर पैदा हो रहा है। क्योंकि एफआईआर की बात केवल कागजों और मुनादी तक सिमट कर रह गई है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़े कदम उठाने आदेश दिए हैं।
इधर नगर पालिका के अधिकारी कह रहे हैं कि शहर की सड़कों पर बैठे गौवंश को हटाने कर्मचारी लगाए गए हैं। ये कर्मचारी सुबह व शाम 6 से रात 10 बजे तक गौवंशों को हटाते हैं। पालिका की मानें तो घूम रहे गौवंशों पर रेडियम पट्टी भी बांधी जाएगी। इसके लिए पशु चिकित्सा विभाग ने भी पहल करने की बात कही है। वहीं नगर पालिका इसके लिए तैयार भी है। लेकिन अभी रेडियम पट्टी बांधने का कार्य भी शुरु नहीं हुआ है।
अपने मवेशियों को खुला छोड़ने वाले किसी भी पशु मालिकों पर अब तक एफआईआर की कार्रवाई नहीं की गई है। लेकिन अब कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में नगर पालिका से कर्मचारी लगाए गए हैं, जो सड़क से मवेशी हटाने का काम कर रहे हैं। मोबिन अली, सीएमओ बालोद नगर पालिका
जिला मुख्यालय की ही बात करें तो सिवनी से लेकर जिला जेल तक ही बीते कुछ वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 100 से अधिक गौवंशों की मौत हो चुकी है। वहीं कई गौवंश के हत्यारों की पहचान भी नहीं हो सकी है क्योंकि पुलिस की पकड़ से अभी भी बाहर हैं।
जिले से होकर गुजरे नेशनल हाइवे में भी यही नजारा आज भी बना हुआ है। एनएच में जगह-जगह आवारा मवेशियों का झुंड रोज देखा जा सकता है। हर 200 से 250 मीटर के बाद मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। यहां आए दिन वाहनों से कुचलकर मवेशियों की जान जा रही है। साथ ही इससे वाहन चालक भी चोटिल हो रहे हैं।
मवेशियों की जान बचाने राज्य सरकार ने इस बार सख्त कदम उठाते हुए ऐसे पशु पालकों को चिन्हांकित कर उनपर कानूनी कार्रवाई करने आदेश हाल ही में जारी किए हैं। लेकिन आदेश का जिले में पालन नहीं हो रहा है।
Published on:
29 Aug 2025 03:06 pm
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