6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पानी की कमी से खेतों में पड़ी दरार, सूखने लगी धान की फसल

गर्मी में कई किसानों ने धान की फसल ली है, लेकिन खेतों के बोर का भू-जल स्तर नीचे गिरने से फसल सूखने लगी है। पोंडी से पड़कीभाट मार्ग पर नेवारीखुर्द के एक किसान की दो एकड़ में धान की फसल सूखने की स्थिति में है।

2 min read
Google source verification
गर्मी में कई किसानों ने धान की फसल ली है, लेकिन खेतों के बोर का भू-जल स्तर नीचे गिरने से फसल सूखने लगी है। पोंडी से पड़कीभाट मार्ग पर नेवारीखुर्द के एक किसान की दो एकड़ में धान की फसल सूखने की स्थिति में है।

Fall in groundwater level : गर्मी में कई किसानों ने धान की फसल ली है, लेकिन खेतों के बोर का भू-जल स्तर नीचे गिरने से फसल सूखने लगी है। पोंडी से पड़कीभाट मार्ग पर नेवारीखुर्द के एक किसान की दो एकड़ में धान की फसल सूखने की स्थिति में है। खेतों में दरार पड़ गई है। धान की पीला पड़ रहा है। हालांकि कृषि विभाग ने गर्मी में धान की खेती का रकबा शून्य रखा है।

जिले में तीन हजार हेक्टेयर में धान की फसल ली

इस बार किसानों में जागरुकता आई है। बीते साल कुल 12,259 हेक्टेयर में फसल धान की खेती हुई थी। इस साल मात्र 3 हजार हेक्टेयर में ही धान की खेती हुई है। जिन किसानों ने बोर के भरोसे धान की खेती की है, उनका बोर ही सूखने की स्थिति में है।

यह भी पढ़ें :

Mahashivratri : मंदिरों में गूंजा ओम नम: शिवाय, भक्तों ने विशेष पूजा कर गंगा जल व दूध से किया अभिषेक

जल स्तर नीचे जा रहा है हर साल

पीएचई हर साल जिले में भूजल की स्थिति की जानकारी लेता है। अप्रैल में इस साल भी भूजल की जानकारी लेगा। जिले में भू जल की स्थिति गंभीर है। हर साल भूजल स्तर नीचे गिरते जा रहा है। इस साल गर्मी के शुरुआत में ही बोर जवाब देने लगे हैं। बोर कराने पर 200-300 फीट में भी पानी नहीं निकल रहा।

यह भी पढ़ें :

पिता सरपंच चुनाव हारा तो बेटे ने जुलूस में ब्लेड से किया हमला

दलहन-तिलहन पर ज्यादा जोर, किसानों ने दिखाई जागरुकता

जिले में इस साल दलहन व तिलहन में बीते साल की तुलना में इस साल अधिक बढ़ोतरी हुई है। दलहन की बात करें तो इस साल 17े281 हेक्टेयर में खेती की गई है। बीते साल 12 हजार हेक्टेयर में ही चना की खेती की गई थी। तिवरा इस साल 20 हजार हेक्टेयर में बोया गया है। तिलहन में सरसों की खेती 2348 हेक्टेयर में की गई है।

दलहन व तिलहन की फसल लेने किया जागरूक

कृषि विभाग बालोद के उपसंचालक जीएस ध्रुव ने कहा कि धान का रकबा इस बार शून्य है, फिर भी 3 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की गई है। सबसे ज्यादा दलहन तिलहन की फसल ली गई है। किसानों को ग्रीष्मकालीन में धान के बजाए दलहन व तिलहन की फसल लेनी चाहिए। उन्हें जागरूक भी किया गया है।