
बालोद जिले में जल जीवन मिशन के तहत विभिन्न गांवों में पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा है। कई गांवों में स्तरहीन टंकी का निर्माण कराया जा रहा है। ऐसा ही मामला ग्राम रानीतराई (जुंगेरा) में सामने आया है। यहां एक करोड़ से टंकी बनाने, पाइपलाइन विस्तार सहित अन्य कार्य किए गए। इसकी जब टेस्टिंग की गई तो पता चला कि टंकी स्तरहीन है। पानी सीपेज होने लगा। पीएचई ने ठेकेदार से सवाल किया कि स्तरहीन निर्माण क्यों किया। इसे तोडऩे कहा। अब टंकी तोडऩे का कार्य एक माह से चल रहा है।
पीएचई की माने तो अब टंकी को नए सिरे से बनाया जाएगा। कहीं भी पानी टंकी निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं दिया गया तो ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। संबंधित निर्माण एजेंसी टंकी निर्माण में गंभीरता बरतें। रानीतराई के पानी टंकी की जलभराव क्षमता 40 हजार लीटर है।
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ग्राम रानीतरई के ग्रामीणों का कहना है कि जब पानी टंकी का निर्माण हो रहा था तो कई बार विभाग को इसकी गुणवत्ता को लेकर अवगत कराया। विभाग ने समिति बनाकर टंकी निर्माण की जांच कराई और पानी टंकी स्तरहीन पाई गई।
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यहां ठेकेदार ने टंकी के निर्माण में गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया लेकिन विभाग के अधिकारियों के समय-समय पर मॉनिटरिंग नहीं करने से सवाल उठ रहा है। आखिर स्तरहीन कार्य का पता कैसे नहीं चला।
रानीतराई में टंकी निर्माण गुणवत्ताहीन पाई गई। अब जिले के ग्राम देवगहन में निर्मित पानी टंकी की जांच की जरूरत है। ग्रामीणों के मुताबिक टंकी का निर्माण हुए एक साल हो गया। जब भी पानी भरा जाता है तो सीपेज होता है। उसमें पानी नहीं ठहरता है। इस टंकी का कोई उपयोग नहीं हो रहा। ग्रामीण व पूर्व सरपंच लोकेंद्र साहू ने बताया कि टंकी की जांच के लिए पीएचई अधिकारी आए थे, लेकिन आगे क्या हुआ, इसकी जानकारी नहीं है।
पीएचई के ईई सागर वर्मा ने बताया कि रानीतराई में पानी टंकी के निर्माण में पिल्हर का कार्य ठीक है। ऊपर टंकी का निर्माण स्तरहीन पाया गया है। टंकी को तोडऩे के आदेश दिया गया है। तोडऩे की कार्यवाही जारी है। कहीं भी इस तरह की लापरवाही मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
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Published on:
27 Aug 2025 11:36 pm
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