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टेकापार-ओरमा के बीच अब नहीं बनेगा एनीकट आखिर क्यों

ग्राम टेकापार-ओरमा के निवासियों की उम्मीदें अब टूट गई है। इस गांव में तांदुला नदी पर बनने वाला एनीकट अब नहीं बनेगा। बजट में शामिल होने के दो साल बाद भी प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अब 12 करोड़ की लागत से बनने वाले एनीकट की राशि लेप्स हो गई है।

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टेकापार-ओरमा के बीच अब नहीं बनेगा एनीकट आखिर क्यों

बालोद @ patrika. जिले के ग्राम टेकापार-ओरमा के निवासियों की उम्मीदें अब टूट गई है। इस गांव में तांदुला नदी पर बनने वाला एनीकट अब नहीं बनेगा क्योकि यहां बनने वाले एनीकट की बजट में शामिल होने के दो साल बाद भी प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण अब 12 करोड़ की लागत से बनने वाले एनीकट की राशि लेप्स हो गई है।

सन् 2016-17 में शामिल किया था बजट में
सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पिछली सरकार ने सन् 2016-17 में अपने बजट में तांदुला नदी पर टेकापार और ग्राम ओरमा के मध्य एनीकट बनाने की योजना बजट में शामिल की थी, पर से प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिल पाई थी, जिसके कारण अब यह राशि अब लेप्स हो गई है।


वर्षों से की जा रही थी मांग
जब पूर्व सरकार ने इस गांव में एनीकट बनाने की घोषणा बजट में की और 12 करोड़ रुपए की स्वीकृति दिए थे तो ग्रामीणों में काफी खुशी थी। तब उनकों लगा कि उनकी वर्षों की मांग अब पूरी हो गई। लेकिन इस गांव के लोग एनीकट बनाने का सिर्फ इंतजार करते ही रह गए। सिंचाई विभाग को इस एनीकट निर्माण के लिए शासन से प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली और अब आखिरकार यह राशि लेप्स हो गई

बजट में पास होने के दो साल तक रहता है प्रशासकीय स्वीकृति का समय
सिंचाई विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक अगर शासन से बजट में शामिल हो जाता है तो उस योजना के तहत उस कार्य को कराने दो साल का समय रहता है। इन दो वर्षों में भी बजट में स्वीकृत कार्य को प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली तो राशि लेप्स हो जाती है। बीते दो वर्षों में टेकापार और ओरमा के बीच बनने वाले एनीकट की प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली जिसके कारण यह राशि लेप्स हो गई।

एनीकट बनने से दर्जनभर गांव के ग्रामीणों को मिलता लाभ
मिली जानकारी के मुताबिक इस नदी पर एनीकट बनाने का उद्देश्य आसपास के ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा देने के लिए था। इन गांव के ग्रामीणों को जिला मुख्यालय जाने के लिए 10 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। एनीकट के बनने से यह दूरी 5 किमी हो जाती। साथ ही नदी में बाढ़ आने पर भी आवगमन प्रभावित नहीं होता।

फिर से शासन को प्रपोजल बनाकर भेजेंगे
सिंचाई विभाग के इइ एसके टीकम ने बताया सन् 2016 में एनीकट निर्माण के लिए बजट में शामिल किया गया था। कई बार शासन को प्रशासकीय स्वीकृति के लिए पत्र भेजा पर स्वीकृति नहीं मिल पाई और अब यह लेप्स हो गया है। अब फिर से प्रपोजल बनाकर शासन को भेजेंगे।