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Health workers strike: 16-17 जुलाई को प्रदेशभर में हड़ताल, संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने किया आर-पार का ऐलान

Health workers strike: संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की मांग है कि नियमितीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। समान कार्य के लिए समान वेतन नीति लागू हो।

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सैकड़ों संविदा स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर (Photo source- Patrika)

सैकड़ों संविदा स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर (Photo source- Patrika)

Health workers strike: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संविदा पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर अब आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। संगठन ने 16 और 17 जुलाई को जिला और राज्य स्तरीय दो दिवसीय हड़ताल और धरना प्रदर्शन की घोषणा की है। इसी कड़ी में मंगलवार सुबह से ही बलौदाबाजार जिले में सैकड़ों संविदा स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर उतर आए। उन्होंने हाथों में ततियां लेकर अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की। सरकार से ठोस फैसले की मांग की।

Health workers strike: मौखिक आश्वासनों से थक चुके कर्मचारी

छत्तीसगढ़ संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव कौशलेश तिवारी ने कहा कि पिछले कई महीनों से वेतन, नियमितीकरण, सेवा सुरक्षा जैसी मांगों पर बातचीत जारी है। अब तक कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला। उन्होंने बताया कि हाल ही में स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक हुई थी, लेकिन उसमें भी सिर्फ मौखिक वादे किए गए। कर्मचारियों की मांग है कि अब सिर्फ बातों से काम नहीं चलेगा।

सरकार को लिखित भरोसा देना होगा। संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की मांग है कि नियमितीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए। समान कार्य के लिए समान वेतन नीति लागू हो। सामाजिक सुरक्षा, चिकित्सा सुविधा समेत अन्य मानव संसाधन कल्याण योजनाओं का लाभ दिया जाए। सेवा में स्थायीत्व और कार्य संतोष सुनिश्चित किया जाए। संघ का कहना है कि पिछले 20 वर्षों से ये कर्मचारी एनएचएम के तहत अनिश्चितता के माहौल में काम कर रहे हैं, जबकि स्वास्थ्य सेवा की असली जिम्मेदारी इन्हीं के कंधों पर है। अब मौखिक आश्वासनों से कर्मचारी थक चुके हैं। उनमें गहरा आक्रोश है।

11 सूत्री मांगों को लेकर अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने सौंपा ज्ञापन

अभनपुर। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने प्रदेश के शासकीय सेवकों की प्रमुख 11 मांगों को लेकर मुयमंत्री विष्णु देव साय और मुय सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन जिला कलेक्टर एवं अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अभनपुर के माध्यम से प्रेषित किया गया। ज्ञापन में फेडरेशन ने मांग की है कि शासकीय सेवकों को केंद्र सरकार के समान 2% महंगाई भत्ता देय तिथि से प्रदान किया जाए, जुलाई 2019 से लंबित डीए की एरियर्स राशि जीपीएफ खाते में समायोजित की जाए, और वेतन विसंगति पर गठित समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।

अन्य प्रमुख मांगों में 8, 16, 24 और 30 वर्ष की सेवा पर क्रमश: पदोन्नत वेतनमान का लाभ, सहायक शिक्षक एवं पशु चिकित्सा अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान प्रदान करने, अन्य भाजपा शासित राज्यों की तरह कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू करने, मध्यप्रदेश की तर्ज पर 300 दिवस तक अवकाश नगदीकरण की अनुमति, NPS खाते में कटौती तिथि से सेवा गणना करते हुए पूर्ण पेंशन पात्रता।

17 जुलाई को रायपुर में सभी जिलों के कर्मचारी राज्य स्तरीय प्रदर्शन करेंगे। इसमें हजारों की संया में संविदा कर्मचारी शामिल होंगे। इस धरने के माध्यम से कर्मचारी सरकार को यह साफ संदेश देना चाहते हैं कि व्यवस्थित समाधान चाहिए। इस आंदोलन ने राज्य सरकार के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है। सरकार को अब संविदा कर्मचारियों की मांगों को लेकर स्पष्ट नीति बनानी होगी क्योंकि ये कर्मचारी स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं। इनके बिना ग्रामीण व शहरी, दोनों क्षेत्रों में जन स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा सकती हैं।

बलौदाबाजार जिले में अभी 550 संविदा कर्मचारी हैं नियुक्त

Health workers strike: बलौदाबाजार जिले में करीब 550 संविदा स्वास्थ्यकर्मी कार्यरत हैं। ये कर्मचारी जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, टीकाकरण और ग्रामीण स्वास्थ्य शिविरों में सेवाएं दे रहे हैं। दो दिन की हड़ताल से जिले की मातृ-शिशु स्वास्थ्य योजनाओं, टीकाकरण और अन्य नियमित सेवाएं प्रभावित होंगी। हालांकि संगठन ने कहा है कि आपातकालीन सेवाएं बाधित नहीं की जाएंगी।