29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CG elephant attack: ढाई साल की बच्ची के साथ सो रहे थे पति-पत्नी, हाथी ने ढहा दी घर की दीवार, फिर…

CG elephant attack: आवाज सुनकर घर के सदस्यों को लगा कि कोई आम तोड़ रहा है, अचानक हाथी को देखकर उड़ गए होश, सबने भागकर बचाई जान

2 min read
Google source verification
CG elephant attack

रामानुजगंज. CG elephant attack: बलरामपुर जिले के रामानुजगंज से लगे ग्राम कमलपुर में मंगलवार की सुबह 5 बजे पति-पत्नी अपनी ढाई साल की बच्ची के साथ घर में सो रहे थे। इसी दौरान एक हाथी वहां पहुंचा और घर की दीवार ढहा दी। इस दौरान पति-पत्नी व उनकी बेटी बाल-बाल बच गए। हाथी द्वारा घर की दीवार तोडऩे (CG elephant attack) के बाद फसल को भी नुकसान पहुंचाया गया, तत्काल स्थानीय लोगों द्वारा वन विभाग को सूचना दी गई। लेकिन वन अमले के पहुंचने से पहले लोगों ने शोर मचाकर हाथी को खदेड़ दिया।


मंगलवार की सुबह लगभग 5 बजे एक हाथी कमलपुर में रिहायशी क्षेत्र में पहुंच गया। हाथी विनोद रवि पिता नागेश्वर रवि उम्र 41 वर्ष के घर के नजदीक पहुंचा। इस दौरान घर के कमरे में विनोद रवि का पुत्र आनंद रवि, उसकी बहू रूप रवि एवं ढाई वर्षीय पोती अनन्या रवि सो रहे थे।

हाथी जब घर के नजदीक आने लगा तो उन्हें लगा कि घर के पास आम के पेड़ में कोई आम तोड़ रहा है और उसी की आवाज है। लेकिन जब तेजी के साथ हाथी घर के नजदीक पहुंचकर दीवार तोडऩे लगा तो आनन-फानन में तीनों ने वहां से भागकर अपनी जान बचा ली। इधर दीवार गिरने से टीवी एवं अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गए। (CG Elephant Attack)

हाथी के आने से अन्य लोग भी मौके पर जमा होकर हल्ला करने लगे, तब हाथी वहां से भागा। रेंजर संतोष पांडे ने बताया कि 6 माह से नर हाथी कमलपुर-कंचन नगर के आसपास क्षेत्र में ही रह रहा है। कई बार हम लोगों ने भागने का प्रयास किया परंतु फिर वापस आ जा रहा है।

यह भी पढ़ें: महुआ पेड़ की रखवाली पड़ी भारी: सो रहे पति-पत्नी व 2 मासूम बच्चों पर हाथी ने किया हमला, मां-बेटी गंभीर

दहशत से नहीं कर रहे हैं खेती

बीते 6 माह से नर हाथी के क्षेत्र में रहने से कमलपुर-कंचननगर सहित अन्य गांव के बड़ी संख्या में किसान खेती नहीं कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि हम खेती कर भी लेंगे तो हाथी जब तक क्षेत्र में है तब तक हमें डर है कि हमारी खेती को वह नुकसान कर देगा।