कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने ग्राम परसवार में संचालित अवैध रेत खदान को वैध बताते हुए दंबगई करके बंद कराने का आरोप लगाने के साथ ही संसदीय सचिव के ऊपर संग़ठन के पदाधिकारियों की उपेक्षा का भी आरोप लगाया है।
जिलाध्यक्ष के इस आरोप पर संसदीय सचिव ने भी पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष ने अवैध रेत खदान को लेकर रुपयों का लेनदेन किया है। संगठन की उपेक्षा की बात पर उन्होंने कहा कि संगठन सिर्फ बाप-बेटे का बनकर रह गया है।
खेत में काम कर रहे इनमें से 3 लोग कोई और नहीं बल्कि विधायक, कलक्टर और सीईओ हैं
लोक निर्माण विभाग राजपुर के स्थानीय विश्राम गृह में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में संसदीय सचिव चिंतामणि महाराज ने बताया कि
कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी (Congress District President) द्वारा उनपर लगाए गए आरोप बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि लगता है कि जिलाध्यक्ष ने अवैध रेत उत्खनन करने वालों से पैसों का लेनदेन करके सेटिंग कर लिया है।
मुझे तो प्रेस व
सोशल मीडिया (Social Media) के माध्यम से पता चला था कि अवैध रेत खनन करने वाले ग्रामीणों के विरोध पर दबंगई करके वे ग्रामीणों को डराने की कोशिश कर रहे थे। परसवार के ग्रामीणों की सूचना पर महान नदी पर प्रशासनिक अमला के साथ पहुंचा था, यहां राजस्व व खनिज विभाग ने रेत खदान को अवैध बताते हुए कार्रवाई की तथा लगभग 20 हजार वर्ग फिट रेत की जब्ती बनाई थी।
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संसदीय सचिव ने बताया कि रेत खदान के लिए निविदा निकली थी और रेत खदान ग्राम बादा निवासी घूरन राम को आबंटित भी हुआ है लेकिन रेत खनन करने की पर्यावरण व अन्य तकनीकी कमी की वजह से अनुमति अभी नही मिली है।
साथ ही परसवार के खसरा क्रमांक 188 रकबा 0.672 पर वैध रेत खदान से रेत निकालकर भंडारण करने की अनुमति परसागुड़ी निवासी उदय कुमार शर्मा के नाम से मिली है, लेकिन जब परसवार महान नदी से रेत उत्खनन
(Sand mining) की अनुमति ही नहीं मिली तो वहां से निकाली गई रेत व रेत खदान वैध होने का सवाल ही नही उठता है।
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संगठन को बताया सिर्फ बाप-बेटे कासत्ता और संग़ठन के मतभेद पर
चिंतामणि महाराज ने कहा कि मतभेद नही मनभेद है और संगठन तो सिर्फ बाप-बेटा और चार आदमी का संग़ठन बनकर रह गया है। उन्होंने बताया कि मैं जब भी राजपुर आता हूं , क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व ग्रामीण अपनी समस्या लेकर मेरे पास आते हैं।
उन्हें मेरे आने की सूचना कैसे मिल जाती है? उन्होंने बताया कि राजेन्द तिवारी जिले के संगठन के मुखिया हैं लेकिन वे मुखिया जैसे रहते तो आज ऐसी स्थिति नही होती। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता क्या ऐसे ही दिन देखने के लिए हंै। एक ही आदमी पार्टी के कई पदों को घेरकर रखा है और संग़ठन के नाम पर सिर्फ अपने चहेतों को पद दे दिया है।