पुलिस के अनुसार, डॉ. ने चामराजपेट में बृहत बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) प्रसूति गृह से एक शिशु का कथित रूप से अपहरण कर लिया था। आरोप है कि डॉ. ने शिशु को उत्तरी कर्नाटक के एक दंपति को बेच दिया। यह दम्पति बच्चे के जन्म से संबंधित मुद्दों के लिए उससे परामर्श कर रहा था।
आरोप है कि डॉ रश्मि ने दंपति से 14.5 लाख रुपए लिए थे और उन्हें एक बच्चा देने का वादा किया था। दक्षिण क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त हरीश पांडेय के अनुसार प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पिछले साल मई में बीबीएमपी अस्पताल से बच्चे का अपहरण कर लिया गया था। बच्चे की मां हुस्ना बानो और उनके पिता का नाम नवीद था, जिन्होंने पुलिस से संपर्क किया था और शिकायत दर्ज की गई थी। पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए 20 कर्मियों की एक टीम बनाई थी।
बयान दर्ज करने में कोताही अस्पताल परिसर से मिले सीसीटीवी फुटेज खंगालने और फोन कॉल्स की जांच करने के बाद आखिरकार पुलिस आरोपी तक पहुंच गई। पुलिस ने जब भी महिला चिकित्सक से उनका बयान दर्ज करना चाहा, महिला ने आनाकानी की। इससे पुलिस का संदेह बढ़ता गया।
बताया जाता है कि दम्पती पिछले कई वर्षों से डॉ. रश्मि के सम्पर्क में थे और उसने दम्पती को किराए की कोख के जरिए बच्चा पाने का प्रस्ताव दिया था। डॉ. ने कहा कि वह एक महिला को अपनी कोख किराए पर देने के लिए राजी कर लेगी। उसने इससे संबंधित नकली दस्तावेज भी दम्पती को दिए।
पिछले दरवाजे से हुई फरार पिछले साल 28 व 29 मई को वह अस्पताल पहुंची और बच्चे को चुराकर वहां से पिछले दरवाजे से भाग गई। बाद में बच्चे को किराए की कोख से पैदा हुआ बच्चा बताकर दम्पती के हवाले कर दिया।
पाण्डेय ने कहा कि बच्चे को उसके माता-पिता के हवाले किया जाएगा और मामले पर कार्रवाई जारी रहेगी।