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Banswara Crime : बांसवाड़ा में भू-माफिया का गजब का कारनामा, डमी खड़ा कर बेशकीमती जमीन का किया सौदा!

Banswara Crime : बांसवाड़ा में भू-माफिया का गजब का कारनामा। कलक्ट्रेट से रिटायर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बेशकीमती जमीन का सौदा किसी दूसरे को डमी बनाकर तीसरे से करा दिया। पढ़ें यह स्टोरी आपके काम की है।

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Banswara Crime Land Mafia Amazing Act made a deal of valuable land by setting up a dummy

फाइल फोटो पत्रिका

Banswara Crime : बांसवाड़ा शहर में उदयपुर मार्ग से सटे श्यामपुरा में भू-माफिया की नई कारगुजारी सामने आई है। कलक्ट्रेट से रिटायर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की बेशकीमती जमीन का सौदा किसी दूसरे को डमी बनाकर तीसरे से करा दिया गया। इस की खबर वृद्ध को मौके पर कब्जे के लिए विवाद शुरू होने पर हुई। इसे लेकर कोतवाली में रिपोर्ट पर पुलिस ने जांच शुरू की है।

सरकारी नौकरी के चलते जमीन पर नहीं दिया ध्यान

प्रकरण में केंद्रीय विद्यालय के सामने श्यामपुरा निवासी रकमा पुत्र अमरा ने कालू पुत्र धूलाजी, कुछ भू माफियाओं व उसके गुर्गों के खिलाफ रिपोर्ट में बताया कि श्यामपुरा में उसके और भेरिया पुत्र बदिया के संयुक्त खातेदारी की तीन बीघा दस बिस्वा कृषि भूमि है, जिसमें दोनों आधे-आधे के हिस्सेदार हैं। भेरिया ने 1989 में जबकि उसने बाद में 1994 में अपनी-अपनी जमीन में से एक हजार-एक हजार वर्ग गज भूमि का आबादी में रूपांतरण करवाया। उसके बाद अपने तबादले अन्यत्र होने से चपरासी की सरकारी नौकरी के चलते वह जमीन की तरफ ध्यान नहीं दे पाया।

आरोपी जबरन कब्जा कर, बना रहे अवैध चारदीवारी

इस बीच, कालू पुत्र धूला के नाम पर कुछ लोगों ने फर्जी तरीेके उसकी एक बीघा चार बिस्वा जमीन का विक्रय विलेख तैयार कर 5 सितंबर, 2007 को उप पंजीयन कार्यालय से रजिस्ट्री करवा ली। इसमें दो गवाह भी बनाए गए, जबकि उसने आज तक अपनी जमीन के किसी भाग का कोई सौदा किया ही नहीं है। उसके बाद हाल ही 16 अगस्त को अपनी जमीन पर सफाई कराने जाने पर आरोपी सामने आए और जमीन कालू के नाम होना बताते हुए गाली-गलौज कर विवाद किया। आरोपी मौके पर जबरन कब्जा करने के लिए पत्थर डलवा कर अवैध चारदीवारी बनाने पर तुले हैं।

दस्तखत किसी और के, रजिस्ट्री पर भाई का फोटो

परिवादी रकमा का दावा है कि उसे विक्रेता बताकर किए गए दस्तखत फर्जी हैं। रजिस्ट्री पर फोटो भी उसकी जगह भाई बापूलाल का लगाया गया है। खरीदार बताए गए कालू का भी रजिस्ट्री पर फोटो नहीं है। केवल पंजीयन की जगह उसने एक दफा कागजात पर दस्तखत किए हैं। पता लगाने पर कालू भीलवन गांव का निवासी होने की पुष्टि हुई, जबकि रजिस्ट्री में उसे मुस्लिम कॉलोनी निवासी बताया गया है। इसके अलावा एक तथ्य यह भी कि वर्ष 1994 में जिस भूमि का कन्वर्जन हो चुका, उस पर 2021 और 2023 में पांच पट्टे काटे जाने बताए जा रहे हैं, जबकि यह मुमकिन ही नहीं है।

रेकॉर्ड उपलब्ध होते ही केस दर्ज किया जाएगा

वृद्ध के मामले को देखा है। बंटवारे संबंधित कुछ दस्तावेज अधूरे होने से उसे लाने को कहा था। रेकॉर्ड उपलब्ध होते ही केस दर्ज कर जांच और कार्रवाई की जाएगी।
रूपसिंह, सीआई कोतवाली