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Rajasthan : आखिरकार बांसवाड़ा के सनसनीखेज हत्याकांड का हुआ खुलासा, दोस्त ही निकला हत्यारा, जानें शातिर चालें

Banswara Sensational Murder Case : आखिरकार बांसवाड़ा के सनसनीखेज हत्या का हुआ खुलासा। मोटागांव थाना क्षेत्र के रहस्यमयी प्रकरण का 11वें दिन खुलासा हुआ। दोस्त ही निकला हत्यारा। पढ़ें शातिर दोस्त की शातिर चालें।

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Banswara Sensational Murder Case has been Finally Solved friend turned out to be killer Know about his cunning tactics

मोटागांव पुलिस की गिरफ्त में दोस्त की हत्या का आरोपी ह​र्षित। फोटो पत्रिका

Banswara Sensational Murder Case : बांसवाड़ा के मोटागांव से लापता किराणा कारोबारी सुरेश सोनी की हत्या उसके ही साथी ई-मित्र हर्षित सेवक ने लसाड़ा पुल से माही नदी में धकेलकर की थी। लाखों के कर्ज से छुटकारा पाने दोनों का इरादा खुदकुशी का था, लेकिन एनवक्त पर हर्षित पीछे हट गया। मौके पर दोनों में विवाद हुआ तो हर्षित ने सुरेश को पुल से पानी में धकेल कर मार दिया और खुद मुंबई भाग गया।

यह खुलासा हर्षित से चार दिन की पूछताछ और साक्ष्य जुटाने के बाद गुरुवार को पुलिस ने किया। पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने इस केस की तह तक पहुंचने के लिए छह थानों के अफसरों-जवानों की टीमें बनाईं। आखिर हर्षित को सुरेश की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। साजिश के तहत पानी में धकेल सुरेश की हत्या कर सबूत मिटाने के आरोप में पुलिस अब उसके खिलाफ कार्रवाई में जुटी है।

पहले गाड़ी धकेली, फिर हाथापाई के बीच धक्का देकर ली जान

मोटागांव थानाधिकारी रामसिंह के अनुसार पूछताछ में हर्षित ने कबूल किया कि इधर-उधर घूमने के बाद 8 सितंबर को वे लसाड़ा पुल पर गए। दोनों लाखों के कर्ज से त्रस्त थे। साथ खुदकुशी करने और पीछे परिवार के लिए बीमा क्लेम के लिए उन्होंने तय किया था। चप्पल-सैंडल कार में छोड़कर उसे पुल से धकेल दी, लेकिन कुछ देर में उसका मन बदल गया। साथ कूदने से इनकार पर सुरेश झगड़ पड़ा तो हाथापाई हुई। तब उसने धक्का देकर सुरेश को गिरा दिया और पिंडावल की तरफ निकल भागा। वहां रोडवेज आती दिखी तो सवार होकर बांसवाड़ा और फिर इंदौर होते हुए मुंबई चला गया।

पहले गुमशुदगियां, फिर अपहरण के आरोप, अंत में हत्याकांड आया सामने

दस दिन से पुलिस के लिए सिरदर्द बने इस प्रकरण में पहले दोनों की गुमशुदगियां सामने आईं। फिर एक व्यापारी मिलने पर अपहरण के आरोप उठे और आखिर में सनसनीखेज हत्या का खुलासा हुआ। मामले में मोटागांव निवासी हर्षित पुत्र पूर्णाशंकर सेवक और गांव का ही किराणा करोबारी सुरेश पुत्र कन्हैयालाल सोनी 8 सितंबर को दोपहर में सुरेश की कार से निकले और वापसी नहीं की। इस पर दूसरे दिन हर्षित के चाचा मुकेश पुत्र देवशंकर शर्मा ने फिर सुरेश की पत्नी किरण ने इसी आशय की रिपोर्ट पति के लिए दी।

इसके बाद 11 नवंबर को फलातेड़ के पास माही नदी में सुरेश की लाश मिली। मामला पानी में डूबने का प्रतीत हुआ तो सुरेश के भाई पुरुषोतम सोनी की रिपोर्ट पर मर्ग दर्ज कर पोस्टमार्टम कराया गया। फिर मृतक की कार लसाड़ा पुल से कुछ दूर माही नदी पेटे में मिल गई, लेकिन हर्षित नहीं मिला। तब उसके अपहरण के आरोप में परिजनों ने शिकायत की।

परिस्थितिजन्य साक्ष्य आए सामने, तब टूटा आरोपी

पुलिस को तफ्तीश में जो सबूत मिले, उससे हत्या का अंदेशा हुआ, लेकिन मकसद और तरीका स्पष्ट नहीं हुआ। फिर कडिय़ां जोड़ते हुए सख्ती से पूछताछ की तो हर्षित टूट गया। उसने नियोजित तरीके से सुरेश को अत्यधिक मात्रा में शराब पिलाने के बाद नदी में धक्का देना कबूल किया।

आरोपी के मुंबई भागने के बाद हुआ हत्या का संदेह

सुरेश की कार से सीटों के बीच फंसे हर्षित के सैंडल से पुलिस को हत्या का संदेह हुआ। फिर ठीक दिन बाद 15 सिंतबर को मुंबई में हर्षित के बुआ के लडक़े नीतेश से पता चला कि वह उसके यहां पहुंच गया है। उसे लाने को कहने पर दोनों रतलाम तक पहुंचे ही थे कि जानकारी पर पुलिस ने पहुंचकर हर्षित को डिटेन कर लिया। इसके बाद खमेरा, सदर आदि थानों में रखकर उससे लगातार पूछताछ की गई तो वह गुमराह करता रहा।

इन्होंने की तहकीकात

एएसपी राजेश भारद्वाज और डीएसपी घाटोल के पर्यवेक्षण में आनंदपुरी सीआई कपिल पाटीदार, सदर सीआई बुधाराम बिश्नोई, थानाधिकारी मोटागांव रामसिंह पंवार, खमेरा थानाधिधारी रमेशचंद्र सेन, घाटोल थाना प्रभारी निर्भयसिंह और लोहारिया थानाधिकारी शिशुपालसिंह के साथ उनकी टीमें सहयोगी रही।