
सिंबोलिक फोटो।
Good News : राजस्थान में मवेशियों की उपचार व्यवस्था को और भी सुदृढ बनाने के लिए सरकार ने कदम बढ़ाया है। इसके तहत प्रदेश में संचालित 19 पशु चिकित्सालयों को प्रथम श्रेणी चिकित्सालयों का दर्जा दिया गया है। साथ ही 98 पशु चिकित्सा उपकेंद्रों को पशु चिकित्सा केंद्रों में क्रमोन्नत किया गया है। यहां तक की इसकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि विभाग के इस कदम से मवेशियों की उपचार व्यवस्था बढ़ेगी। विशेषतौर पर उन 98 पशु चिकित्सा उपकेंद्र के आसपास के पशुपालकों को राहत होगी, जो पशु चिकित्सा केंद्रों में क्रमोन्नत हुए हैं। क्योंकि उपकेंद्रों पर सिर्फ कंपाउंडर की नियुक्ति होती है। लेकिन पशु चिकित्सा केंद्र पर पशु चिकित्सक नियुक्त होता है। इससे उस क्षेत्र के पशुपालकों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। ऐसे ही प्रथम श्रेणी अस्पताल में क्रमोन्नत होने वाले अस्पतालों के क्षेत्र के पशुपालकों को भी उपचार सेवाएं अधिक मिल सकेंगी।
01 जिला पशु चिकित्सालय
23 प्रथम श्रेणी चिकित्सालय
69 पशु चिकित्सालय
227 पशु पशु चिकित्सा उपकेंद्र
3 भेड़ निष्क्रमण पोस्ट
01 जिला स्तरीय लैब
3 मोबाइल वेटनरी यूनिट
(विभाग से प्राप्त जानकारी के आधार पर)
बाड़मेर में 8, भरतपुर और जयपुर में 7-7, पाली में 16, जालोर में 9, नागौर, कोटा और भीलवाड़ा में 4-4, अजमेर में 6, झुंझुनूं में 5, दौसा, टोंक, चित्तौडगढ़ और जोधपुर में 3-3, बीकानेर, चूरू, श्रीगंगानगर, सवाई माधोपुर, कुचामन सिटी में 2-2, धौलपुर, उदयपुर, डूंगरपुर, सिरोही, सीकर और हनुमानगढ़ में 1-1 पशु चिकित्सा उपकेंद्रों को पशु चिकित्सालयों में क्रमोन्न्त करने के आदेश जारी किए गए हैं।
नागौर 2
भरतपुर 3
पाली 4
अलवर 1
चित्तौड़ 1
जालोर 1
कुचामन सिटी 1
झुंझुंनू 1
बाड़मेर 1
सवाई माधोपुर 1
सीकर 1
बीकानेर 1
चूरू 1
विभाग की क्रमोन्नत की सूची में मेवाड़ और वागड़ से उदयपुर और डूंगरपुर के नाम भी शामिल हैं। लेकिन बांसवाड़ा का नाम नहीं शामिल है। इस अधिकारियों का मानना है कि पूर्व से ही बांसवाड़ा पशु स्वास्थ्य सेवाओं के लिए अस्पताल अच्छी संख्या में हैं।
Published on:
29 Nov 2024 12:29 pm
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