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राजस्थान में इंजीनियरिंग छात्रों का कमाल, सिर्फ 30,000 रुपए में बनाया चार पहिया वाहन

Rajasthan News : मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रों का कमाल। छात्रों ने स्क्रैप से बनाया चार पहिया वाहन। इस वाहन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें पूरा खर्च महज 30,000 रुपए आया।

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Rajasthan Banswara Engineering Students Amazing Feat just Rs. 30,000 made a four wheeler vehicle

मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्रों ने स्क्रैप से बनाया चार पहिया वाहन। फोटो पत्रिका

Rajasthan News : मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्रों का कमाल। छात्रों ने स्क्रैप से बनाया चार पहिया वाहन। विश्वविद्यालय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बांसवाड़ा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष के चार छात्रों रचित जैन, जतिन पांचाल, खुशदीप सिंह और नन्नू खराड़ी ने अपने फाइनल इयर प्रोजेक्ट में तकनीकी नवाचार का शानदार उदाहरण पेश किया। इन छात्रों ने स्क्रैप और पुराने इंजन से चार पहिया वाहन ‘रस्ट रनर’ तैयार किया है। इस वाहन की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे महज 30,000 रुपए की लागत में तैयार किया गया है।

40 किमी प्रति लीटर है माइलेज

छात्रों ने न केवल वाहन की डिजाइनिंग और निर्माण किया, बल्कि खुद वेल्डिंग, वायरिंग और असेंबली जैसे जटिल कार्य भी किए। वाहन में 80 सीसी टीवीएस स्ट्रीक स्कूटी का इंजन, सुजुकी व नैनो की स्टीयरिंग असेंबली, सिंगल रियर राइट व्हील ड्राइव, ब्रेकिंग सिस्टम, एलईडी फॉग लैंप्स, इंडिकेटर्स, हॉर्न और पार्किंग ब्रेक शामिल हैं। वाहन की अधिकतम गति 40 किमी प्रति घंटा और माइलेज 40 किमी प्रति लीटर है। यह 2 लोगों को आराम से ढो सकता है।

कुलपति ने छात्रों को दी शाबासी

25 जून 2025 को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित वाहन के पहले प्रदर्शन पर कुलपति प्रो. डॉ. के.एस. ठाकुर और शैक्षणिक सलाहकार डॉ. महिपाल सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों की मेहनत और नवाचार की सराहना करते हुए कहा कि ‘‘यह प्रोजेक्ट सीमित संसाधनों में इंजीनियरिंग शिक्षा की व्यावहारिकता और पर्यावरणीय जागरूकता का आदर्श उदाहरण है।’’

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अभी इसमें और सुधार करने की है योजना

प्रोजेक्ट को डॉ. जिग्नेश पटेल, नितिन स्वर्णकार और हिमांशु पांड्या के तकनीकी मार्गदर्शन में पूरा किया गया। छात्रों ने बताया कि ‘‘यह प्रोजेक्ट उनके लिए तकनीकी ज्ञान को लागू करने, बजट के भीतर नवाचार करने और समस्या समाधान कौशल विकसित करने का सुनहरा अवसर रहा।’’ भविष्य में छात्र इस वाहन में डुअल व्हील ड्राइव, बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम, फ्रंट सस्पेंशन और सोलर पीवी तकनीक जोड़ने की योजना बना रहे हैं।

‘रस्ट रनर’ के हैं कई फायदे

‘रस्ट रनर’ न केवल एक टेक्नोलॉजिकल मॉडल है बल्कि यह ग्रामीण परिवहन, कैंपस व्हीकल या इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रोजेक्ट के रूप में भी विकसित हो सकता है।

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