
Rajasthan News : बांसवाड़ा में सरकार और प्रशासन की शिथिल कार्यशैली की बदौलत एक और उद्योग नहीं लग सकेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि करीब 12 वर्ष पहले दी गई जमीन को प्रशासन ने वापस ले लिया है। वर्ष 2010 में जिले में बायो मास प्रोजेक्ट लगाने की घोषणा हुई थी। इसके लिए रीको को जिम्मदारी दी गई। जिले में बायो मास एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को 8.02 हेक्टेयर जमीन 6 जून 2013 को आवंटित की गई थी। अब इस जमीन को शासन उप सचिव विरजी चंद गंगवाल के आदेश पर 27 मार्च 2024 को वापस ले लिया गया है। इसके लिए रीको की ओर से भी पत्र व्यवहार किया गया। इसमें बताया गया है कि रीको को किसी बड़े प्रोजेक्ट को कम से कम 10 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होती है। ऐसे में वे इस जमीन का उपयोग नहीं कर सकते हैं। इसलिए यहां पर रीको भी अपना कोई व्यावसायिक प्लान नहीं बना सकता है।
वर्ष 2010 में प्रोजेक्ट की घोषणा की गई। तब जिला प्रशासन से लेकर सरकार ने इसके ढोल बजाए। इसके साथ ही जमीन उपलब्ध कराने के लिए फाइल चला दी गई। जिलेभर में तलाश के बाद जमीन आवंटित की गई। जमीन आवंटित करने के बाद कंपनी से कोई संपर्क नहीं किया गया। यदि समय रहते जिला प्रशासन कंपनी पर दबाव बनाता तो काफी लोगों को रोजगार मिलने लगता।
छींच के बाद प्रस्तावित किए गए इस उद्योग में कृषि वेस्ट से बिजली बनानी थी। इसके लिए क्षेत्र के किसानों की अतिरिक्त कमाई होती। साथ ही यहां के लोगों को रोजगार के अवसर पैदा होते। यदि यह उद्योग लगता तो जिले में एक और प्रकार से बिजली बनने लगती। इस प्रोजेक्ट की खास बात यह थी कि यह कम लागत का बड़ी उपलब्धि वाला प्रोजेक्ट था। कंपनी शुरू होने के 3 माह में ही प्रोडक्शन शुरू होना था। यहां बनने वाली बिजली का कुछ हिस्सा तो बांसवाड़ा को मिलना ही था।
बायोमास एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को दी गई जमीन 27 मार्च को वापस ले ली गई है। कम जमीन होने के कारण हम भी इसका कोई उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। हमें कम से कम 10 हेक्टेयर जमीन चाहिए होती है। प्रोजेक्ट को दी गई 8.02 हेक्टेयर जमीन हमारे लिए उपयोगी नहीं थी।
बी निमेष, आरएम रीको, बांसवाड़ा
Published on:
11 Nov 2024 12:53 pm
बड़ी खबरें
View Allबांसवाड़ा
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
