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Rajasthan Gold Mines: राजस्थान का दक्षिणांचल बांसवाड़ा जिला अब सोने का गढ़ बनेगा। जिले के घाटोल में जगपुरा और भूकिया के साथ ही अब कांकरिया में भी स्वर्ण खनन की तैयारी है। यहां करीब 3 वर्ग किमी क्षेत्र में स्वर्ण अयस्क के संकेत मिले हैं। खनिज विभाग ने इस क्षेत्र के एक्सप्लोरेशन (अन्वेषण) के लिए टेंडर भी निकाले थे, हालांकि तकनीकी कारणों से फिलहाल उन्हें निरस्त कर दिया गया है। अधिकारियों का मानना है कि जल्द ही नए सिरे से टेंडर जारी होंगे और यहां भी खनन की राह खुलेगी। इधर, खनिज अभियंता गौरव मीणा ने बताया कि खनन संबंधित निर्णय मुख्यालय के अधीन है।
खनन से पहले अयस्क की वास्तविक स्थिति जानने के लिए एक्सप्लोरेशन किया जाता है। इसमें भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, मिट्टी-पानी-चट्टानों के नमूनों का परीक्षण, उपग्रह और हवाई तस्वीरों से अध्ययन शामिल है। जरूरत पड़ने पर जमीन में ड्रिलिंग कर कोर सैंपल निकाले जाते हैं और लैब में जांच की जाती है। इन तरीकों से खनिज की मात्रा, गुणवत्ता और गहराई का सटीक अनुमान मिलता है।
बांसवाड़ा जिले में स्वर्ण भंडारों की खोज 1990-91 के सर्वे में हुई थी। जगपुरा-भूकिया में करीब 10 वर्ग किमी स्वर्ण भंडार को देखते हुए सरकार ने खनन के लिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यहां एक टन अयस्क में 1.945 ग्राम सोना जांच में आया था। यहां करीब 120 टन सोने का अनुमान है, जिससे हजारों करोड़ रुपए का राजस्व मिलने की संभावना है। टेंडर के जरिए तय की गई खनन फर्म ने सरकार को 170 करोड़ रुपए लाइसेंस के लिए जमा करा दिए हैं। अब फर्म सरकार की ओर से माइनिंग लाइसेंस का इंतजार है।
स्वर्ण खनन परियोजना को आदिवासी क्षेत्र के लिए वरदान के रूप में देखा जा रहा है। सोने की इन खदानों से न केवल सरकारी खजाने में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। खनन से जुड़ी कंपनियां और सहायक उद्योग यहां आएंगे, जिससे पूरे क्षेत्र का आर्थिक विकास होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि राजस्थान जल्द ही कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बाद भारत का प्रमुख सोना उत्पादक राज्य बन जाएगा। स्वर्ण खनन के बाद यहां पर बड़ी संख्या में उद्योग स्थापित होंगे।
Updated on:
18 Aug 2025 01:06 pm
Published on:
18 Aug 2025 11:50 am
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