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Adi Karmayogi Yojana : आदिवासियों के जीवन को संवारने और उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने की एक और पहल के तहत आदिवासी बाहुल्य बांसवाड़ा जिले में ‘आदि कर्मयोगी योजना’ लागू होगी। हरेक पंचायत समिति में कम से कम एक गांव चिह्नित कर ‘आदर्श गांव’ के रूप में विकसित किया जाएगा। मकसद है आदिवासी परिवारों की आर्थिक स्थिति को ‘सामान्य से ऊपर’ उठाना, जिससे उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार हो सके।
आदिवासी बहुल जिले की यह महत्वाकांक्षी योजना है। इसका सीधा लक्ष्य उन विकास संबंधी अंतरालों को दूर करना है, जिनके कारण जनजातीय परिवार अक्सर गरीबी और संसाधनों की कमी से जूझते हैं।
ब्लॉक नाम - गांव - नोडल ऑफिसर (रजिस्टर्ड), लक्ष्य - पंजीकरण
सज्जनगढ़ - 177 - 178 - 4087 - 3737
गांगड़तलाई - 80 - 80 - 1847 - 1567
आनंदपुरी - 104 - 116 - 2401 - 2163
अरथूना - 54 - 59 - 1246 - 1220
बांसवाड़ा - 104 - 108 - 2401 - 2414
गढ़ी - 52 -59 -1200 - 1214
कुशलगढ़ - 149 - 159,10 - 3441 - 3458
बागीदौरा - 55 - 55 - 1270 - 1307
छोटी सरवन - 57 - 59 - 1316 - 1354
घाटोल - 147 - 147 - 3395 - 3607
तलवाड़ा - 47 - 48 - 1086 - 1127
1- संबंधित गांव के हर घर का विस्तृत सर्वे होगा।
2- परिवार की वर्तमान आर्थिक और सामाजिक स्थिति का आकलन।
3- उनकी वास्तविक जरूरतों और सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित रहने के कारणों सामने लाएंगे।
4- सर्वे के आधार पर पात्र परिवारों को केंद्र व राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा।
5- आयुष्मान कार्ड, गैस कनेक्शन, आवास योजना, शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और कौशल विकास जैसे कार्यक्रमों व योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ देने का लक्ष्य।
6- यह प्रक्रिया ‘समस्या-केन्द्रित’ न होकर पूरी तरह से ‘समाधान-उन्मुख’ होगी।
1531 जिले में कुल गांवों की संख्या।
1026 चिह्नित गांवों में योजना होगी लागू।
11 आदर्श गांवों से होगी शुरुआत।
20-20 वॉलंटियर हरेक जगह बनाए।
‘आदि कर्म योगी योजना’ केवल सरकारी योजनाओं के वितरण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक जनांदोलन के रूप में काम करेगी। अभियान के तहत कुल 1026 गांवों का चयन किया जाएगा। सर्वे के लिए हर पंचायत में 20-20 वॉलेंटियर तैयार किए हैं। इन्हें वर्तमान में प्रशिक्षण एसीईओ कैलाशचंद्र बसेर के निर्देशन में दिया जा रहा है।
स्थानीय युवाओं को ‘कर्मयोगी’ के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है। ये प्रशिक्षित युवा जनजातीय समुदाय और सरकारी तंत्र के बीच ‘सेतु’ की भूमिका निभाएंगे, जिससे योजनाओं का क्रियान्वयन जमीन पर प्रभावी रूप से हो सके। बसेर ने स्पष्ट किया कि चयनित गांवों में ‘आदि सेवा केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे, जो गांव के विकास के लक्ष्य और विजन को स्थानीय चित्रण कला के माध्यम से प्रदर्शित करेंगे।
हरेक पंचायत समिति से एक-एक आदर्श गांव का प्लान मांगा है। योजना केंद्र की है, मगर जरूरतमंद लोगों को एक साथ केंद्र व राज्य की योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। यह पहली योजना है, जो समाधान पर आधारित है। पहले ऐसा कोई प्रोजेक्ट नहीं बना।
गोपाल लाल स्वर्णकार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, बांसवाड़ा
Updated on:
01 Nov 2025 10:43 am
Published on:
01 Nov 2025 10:42 am
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