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राजस्थान बन रहा न्यूक्लियर पावर का हब, बांसवाड़ा के पूरा होने पर मिलेगी 5900 मेगावाट बिजली

Banswara Nuclear Power Project : राजस्थान न्यूक्लियर पावर का हब बन रहा है। रावतभाटा के बाद राजस्थान का दूसरा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट बांसवाड़ा में लगने जा रहा है। वर्ष 2036 में पूरी परियोजना होने के बाद राजस्थान में न्यूक्लियर बिजली उत्पादन 5900 मेगावाट हो जाएगा। जानें पूरी डिटेल।

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Rajasthan is becoming a nuclear power hub Banswara will produce 5,900 MW of electricity upon completion

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Banswara Nuclear Power Project : राजस्थान न्यूक्लियर पावर का सेंटर बनता जा रहा है। राजस्थान का दूसरा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट बांसवाड़ा लगने जा रहा है। भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) बांसवाड़ा के नापला में 2800 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता के माही न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट में 700-700 मेगावाट की 4 यूनिटें लगाई जाएंगी। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि 700 मेगावाट की पहली यूनिट से उत्पादन वर्ष 2032 में शुरू हो सकेगा। राजस्थान में पहला न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट रावतभाटा में शुरू किया गया था। पीएम नरेंद्र मोदी के इस माह की 25 तारीख को राजस्थान आने की उम्मीद है। जहां पीएम मोदी बांसवाड़ा में 45 हजार करोड़ की परमाणु ऊर्जा परियोजना का शिलान्यास करेंगे।

2036 तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगा माही न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट

बांसवाड़ा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट जिसे माही न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट के नाम से भी पुकारा जाता है। इसकी दूसरी यूनिट 6 माह बाद, 11 माह बाद तीसरी व फिर चौथी यूनिट लगेगी। यह परियोजना 2036 तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएगी। इस तरह सभी यूनिट शुरू होने पर प्रदेश में न्यूक्लियर बिजली उत्पादन 5900 मेगावाट हो जाएगा। भारत में न्यूक्लियर बिजली का संचालन एनपीसीआईएल करती है।

बांसवाड़ा प्रोजेक्ट की कुल क्षमता 2800 मेगावाट

बांसवाड़ा न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट की कुल क्षमता 2800 मेगावाट है। इसकी अनुमानित लागत 45,00,0 करोड़ रुपए है। इसका निर्माण 623 हेक्टयेर में करने की योजना है। ऐसा अनुमान है कि करीब 5,000 को प्रत्यक्ष व 20,000 लोगों को अप्रत्यक्षतौर पर रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। बिजली के क्षेत्र में इस परियोजना के सुचारू रूप से कार्य करने से राजस्थान की किस्मत खुल जाएगी।

कनाडा के सहयोग से हुई थी रावतभाटा परमाणु ऊर्जा का निर्माण

रावतभाटा भारत के राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित है। इसे परमाणु नगरी के नाम से पुकारा जाता है। राजस्थान का रावतभाटा परमाणु ऊर्जा घर भारत का दूसरा परमाणु संयंत्र है। जिसकी स्थापना 1965 में कनाडा के सहयोग से हुई थी। रावतभाटा में 6 यूनिट काम कर रही हैं। जिनसे 1180 मेगावाट बिजली का निर्माण होता है। यूनिट 7 के बाद यहां एक और यूनिट RAPP-8 का निर्माण हो रहा है। यह भी जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। यूनिट 7 और यूनिट 8 से 1400 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसके बाद, रावतभाटा में परमाणु बिजली के उत्पादन की क्षमता बढ़ कर 2,580 मेगावाट हो जाएगी।

वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य

देश में वर्ष 2047 तक परमाणु ऊर्जा से 100 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। बताया जा रहा है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत 2031-32 तक 18 नए रिएक्टर जोड़कर कुल क्षमता 22.4 गीगावाट (GW) करने का लक्ष्य है। भारत में 18 न्यूक्लियर प्लांट बनाने की योजना है। 30 जनवरी, 2025 तक, भारत की परमाणु क्षमता 8180 मेगावाट है।